Arthur Hayes analysis: बिटमेक्स के सह-संस्थापक आर्थर हेस ने कहा है कि बिटकॉइन का पारंपरिक चार साल का साइकिल अब काम नहीं करता। उनका मानना है कि क्रिप्टो की कीमतों को निर्धारित करने वाला मुख्य कारण हल्ला-गुल्ला समय या हॉल्विंग इवेंट नहीं, बल्कि मौद्रिक नीति (Monetary Policy) है। हेस के अनुसार, बिटकॉइन के पिछले साइकिल्स में कीमतों की वृद्धि और गिरावट का संबंध मुख्य रूप से अमेरिकी डॉलर और चीनी युआन की आपूर्ति से था।
आर्थर हेस ने कहा बिटकॉइन का चार साल का साइकिल खत्म हो गया है। अब क्रिप्टो की बढ़त मुख्य रूप से मौद्रिक नीति पर निर्भर करेगी।
हेस ने ब्लॉग पोस्ट में बताया कि पहला बुल रन अमेरिकी फेडरल रिजर्व की क्वांटिटेटिव ईजिंग और चीन के क्रेडिट विस्तार के चलते आया था। यह साइकिल 2013 के अंत में खत्म हुई जब दोनों देशों ने मुद्रा आपूर्ति को कड़ा करना शुरू किया। दूसरी साइकिल 2015 में युआन क्रेडिट विस्फोट और मुद्रा अवमूल्यन पर आधारित थी। कोविड-19 के दौरान तीसरी साइकिल केवल अमेरिकी डॉलर की तरलता पर निर्भर रही, जबकि चीन ने अपेक्षाकृत संयम बरता।
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वर्तमान साइकिल में स्थितियां अलग हैं। अमेरिकी ट्रेजरी फेड के रिवर्स रेपो प्रोग्राम से बाजार में ट्रिलियन डॉलर डाल रहा है। इसके अलावा, बैंकिंग विनियमन में छूट और ब्याज दर में कटौती जैसी नीतियां बिटकॉइन के लिए अनुकूल माहौल बना रही हैं। हेस के अनुसार, चीन भी अब तरलता को सीमित नहीं करेगा, जिससे अमेरिकी मौद्रिक विस्तार बिटकॉइन को ऊपर धकेल सकता है।
हालांकि कुछ विश्लेषक अभी भी चार साल के पैटर्न में विश्वास रखते हैं। Glassnode और Gemini के विशेषज्ञ मानते हैं कि साइकिल की कोई न कोई छाया अभी भी देखने को मिल सकती है। फिर भी, हेस की राय है कि आगे बिटकॉइन का रुझान मुख्य रूप से मौद्रिक नीति और वैश्विक वित्तीय स्थितियों से तय होगा, न कि पुराने चार साल के साइकिल से।
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यह विश्लेषण बिटकॉइन निवेशकों के लिए यह स्पष्ट करता है कि भविष्य में कीमतों की दिशा मुख्य रूप से आर्थिक नीतियों और वैश्विक बाजार के निर्णयों पर निर्भर करेगी।