पूर्व OpenAI CTO मिरा मुराती ने Thinking Machines Lab से लॉन्च किया Tinker, जो AI को सरल, लोकतांत्रिक और हर किसी के लिए सुलभ बनाने का वादा करता है।
Mira Murati Tinker: OpenAI की पूर्व CTO मिरा मुराती ने AI की दुनिया में फिर से कदम रखा है। इस बार वह अपने नए स्टार्टअप Thinking Machines Lab के साथ आई हैं। कंपनी का पहला प्रोडक्ट Tinker लॉन्च हो चुका है, जिसका मकसद AI मॉडल बनाने और उन्हें फाइन–ट्यून करने की जटिल प्रक्रिया को बेहद आसान बनाना है।
Tinker क्यों है खास?
बड़े AI मॉडल्स बनाना आमतौर पर आसान नहीं होता। इसके लिए शक्तिशाली GPU सेटअप, कई तरह के सॉफ्टवेयर पैकेज और लंबे ट्रेनिंग प्रोसेस की जरूरत होती है। यह सब न सिर्फ महंगा होता है बल्कि तकनीकी रूप से भी बहुत कठिन है।
Tinker इसी मुश्किल को खत्म करता है। यह प्लेटफॉर्म रिसर्चर्स, डेवलपर्स और यहां तक कि AI सीखने वाले उत्साही लोगों को वह सुविधा देता है, जहां वे बिना किसी तकनीकी झंझट के सीधे मॉडल्स पर काम कर सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब लोग इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेज करने के बजाय सिर्फ मॉडल को बेहतर बनाने पर ध्यान दे सकते हैं।
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AI को सबके लिए सुलभ बनाना
मिरा मुराती का कहना है कि Tinker का मकसद है AI को लोकतांत्रिक बनाना। यानी इसे बड़ी कंपनियों और चुनिंदा लैब्स तक सीमित न रखकर आम लोगों तक पहुंचाना। इस पहल में उनके साथ जॉन शुलमैन भी हैं, जो Thinking Machines Lab के सह–संस्थापक और पूर्व OpenAI रिसर्चर हैं। शुलमैन के मुताबिक, भले ही Tinker जटिल ट्रेनिंग प्रोसेस को खुद मैनेज करता है, लेकिन यूजर्स को अपने डेटा और Algorithm पर पूरा अधिकार मिलता है।
बीटा टेस्टिंग करने वाले यूजर्स का कहना है कि यह प्लेटफॉर्म बाकी टूल्स के मुकाबले ज्यादा आसान और शक्तिशाली है।
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नई लहर की शुरुआत
Tinker से रिसर्चर और बिजनेस बिना बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के ऐसे मॉडल बना पाएंगे जो कठिन गणितीय समस्याएं हल कर सकें, कानूनी दस्तावेज तैयार करें या मेडिकल सवालों के जवाब दें।
मुराती का विजन है कि हम उन क्षमताओं को हर किसी तक पहुंचाना चाहते हैं, जो अब तक सिर्फ कुछ चुनिंदा लोगों तक सीमित थीं। यही AI की असली ताकत है।