TikTok Ban Discussion: अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है। कभी व्यापार को लेकर तो कभी तकनीक को लेकर दोनों देशों में टकराव देखने को मिलता है। अब एक बार फिर दोनों देशों के बीच TikTok और ट्रेड डील को लेकर बातचीत का बड़ा मुद्दा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शुक्रवार को फोन पर बात करने वाले हैं। इस बातचीत से न सिर्फ TikTok का भविष्य तय हो सकता है, बल्कि दोनों देशों के बीच चल रहे ट्रेड वॉर में भी कोई नई दिशा मिल सकती है।
क्या अमेरिका में TikTok बैन होगा या बचेगा? ट्रंप–शी जिनपिंग की मुलाकात से दोनों देशों के रिश्तों में नई दिशा तय हो सकती है।
TikTok पर संकट और समाधान
अमेरिका ने साफ कहा है कि अगर TikTok की पैरेंट कंपनी ByteDance अपनी हिस्सेदारी नहीं बेचती तो देश में इस ऐप को बैन कर दिया जाएगा। TikTok आज दुनिया का सबसे लोकप्रिय शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म है और अमेरिका में इसके करोड़ों यूजर्स हैं। ट्रंप चाहते हैं कि इसका डेटा पूरी तरह से अमेरिकी नियंत्रण में रहे। ट्रंप ने खुद कहा है कि मैं शुक्रवार को राष्ट्रपति शी से TikTok और व्यापार को लेकर बात करूंगा। हम कई समझौतों के बेहद करीब हैं। ट्रंप का मानना है कि TikTok की वैल्यू बहुत बड़ी है और अमेरिका इसे मंजूरी देने की ताकत रखता है।
अमेरिका की चिंताएं क्यों हैं?
अमेरिका को सबसे ज्यादा चिंता TikTok के डेटा और उसके एल्गोरिद्म को लेकर है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चीन के कानूनों के अनुसार वहां की कंपनियों को सरकार को डेटा देना होता है। इससे यूजर्स की प्राइवेसी खतरे में पड़ सकती है।
इसी वजह से अमेरिकी सांसदों ने मांग की है कि TikTok का डेटा और एल्गोरिद्म पूरी तरह अमेरिकी हाथों में होना चाहिए। चीन ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि एक अमेरिकी पार्टनर को यूजर्स का डेटा और सुरक्षा संभालने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
ट्रेड वॉर की पृष्ठभूमि
ट्रंप और जिनपिंग की यह इस साल दूसरी बातचीत होगी। पहली बातचीत जून में हुई थी जब दोनों देशों के बीच Rare Earth Elements के एक्सपोर्ट पर तनाव बढ़ गया था। ये धातुएं स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक कार और सैन्य उपकरणों में इस्तेमाल होती हैं।
ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के बाद अमेरिका ने चीन पर भारी टैरिफ लगाए। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामान पर रोक लगाई। दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं एक–दूसरे पर निर्भर हैं इसलिए इस टकराव का असर दोनों पर पड़ा।
किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान
इस ट्रेड वॉर का सबसे बड़ा असर अमेरिकी किसानों पर हुआ है। चीन अमेरिका के किसानों के लिए एक बड़ा खरीदार है, लेकिन जनवरी से जुलाई तक चीन को अमेरिका का कृषि निर्यात 53% गिर गया। कुछ फसलों में तो हाल और भी खराब रहा। अमेरिकन सोयाबीन एसोसिएशन के चेयरमैन जोश गैकल ने कहा कि यह अच्छा है कि बातचीत जारी है लेकिन किसानों में निराशा बढ़ रही है कि अब तक कोई ठोस डील नहीं हुई।
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विशेषज्ञों की राय
वॉशिंगटन के थिंक टैंक स्टिमसन सेंटर की निदेशक सन यून का मानना है कि इस बार बातचीत सकारात्मक रह सकती है। उन्होंने कहा कि दोनों देश नेतृत्व स्तर पर मुलाकात चाहते हैं। असली मसला ट्रेड डील की बारीकियों में है कि किसे क्या फायदा होगा।
इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप के सलाहकार अली वाइन का कहना है कि ट्रंप बातचीत में यह दिखाना चाहेंगे कि अमेरिका मजबूत स्थिति में है। वहीं, शी जिनपिंग यह जताने की कोशिश करेंगे कि चीन की आर्थिक ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
TikTok क्यों इतना अहम है?
ट्रंप ने कई बार कहा है कि TikTok ने उनकी चुनावी जीत में भी अहम भूमिका निभाई। यही वजह है कि उन्होंने TikTok को बैन करने की डेडलाइन कई बार बढ़ाई है।
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रूस–यूक्रेन युद्ध का जिक्र
ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर यूरोपीय देश चीन पर ज्यादा टैरिफ लगाएं तो रूस–यूक्रेन युद्ध खत्म हो सकता है। उन्होंने इशारा दिया कि चीन रूस से तेल खरीदकर अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध को बढ़ावा दे रहा है। हालांकि, उन्होंने साफ नहीं किया कि चीन से तेल खरीदने पर अमेरिका और ज्यादा टैरिफ लगाएगा या नहीं।