सीईओ सत्य नडेला की अगुवाई में Microsoft ने अपनी AI रणनीति के दम पर टेक इंडस्ट्री में अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है।
Google Vs Microsoft War: Microsoft और Google के बीच टेक वर्ल्ड में जंग अब फिर से तेज हो गई है। पहले Microsoft पर आरोप लगे थे कि वह अपने Internet Explorer ब्राउजर को जबरदस्ती प्रमोट कर रही थी। उस समय कंपनी को एंटीट्रस्ट केस में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। सीईओ सत्य नडेला की अगुवाई में Microsoft ने अपनी AI रणनीति के दम पर टेक इंडस्ट्री में अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है। इस बार Google खुद Microsoft को निशाने पर ले रहा है।
Google का नया दबाव
Google ब्राउजर चॉइस अलायंस का समर्थन कर रहा है। इसमें Opera, Vivaldi और कई छोटे ब्राउजर डेवलपर्स शामिल हैं। BCA यानी ब्राउजर चॉइस अलायंस का आरोप है कि Microsoft Windows के जरिए अपने Edge ब्राउजर को बढ़ावा देने के लिए अनुचित तरीके अपना रहा है। Microsoft Edge में अब AI पावर्ड Copilot असिस्टेंट जोड़ा जा रहा है, जो टैब मैनेजमेंट, टास्क ऑटोमेशन जैसी सुविधाएं देता है। आरोप है कि Microsoft ‘डार्क पैटर्न’ का भी इस्तेमाल कर रहा है।
AI युग में सर्च पर असर
Google को यह मामला इसलिए खास है क्योंकि ब्राउजर की लोकप्रियता सीधे उसके सर्च बिजनेस को प्रभावित करती है। Edge को AI ब्राउजर के रूप में प्रमोट करने से Google Search पर दबाव बढ़ गया है। आंकड़ों के मुताबिक, 2015 के बाद पहली बार दिसंबर 2024 में Google का सर्च मार्केट शेयर 90% से नीचे गिरकर 89.73% रह गया। इसका एक बड़ा कारण AI बेस्ड नए सर्च इंजनों का उभरना है।
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नियामकों की नजर
BCA ने यूरोप में Microsoft के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि कंपनी नए कॉम्पिटिशन कानूनों से बचने की कोशिश कर रही है। वहीं, ब्राजील में Opera ने Microsoft पर यूजर्स को परेशान करने का आरोप लगाया है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपना डिफॉल्ट ब्राउजर बदलना चाहते हैं।