Foxconn ने भारत से चीनी इंजीनियरों को वापस बुला लिया है, जिसके कारण Apple की iPhone मैन्युफैक्चरिंग प्लान पर गहरा असर हो सकता है।
Foxconn: Apple की मैन्युफैक्चरिंग रणनीति को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। Apple के प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर Foxconn ने सैकड़ों चीनी इंजीनियर्स और टेकनीशियनों को भारत से वापस बुला लिया है। ये वही कर्मचारी थे जो भारत में iPhone प्रोडक्शन की निगरानी और ट्रेनिंग का काम कर रहे थे। रिपोर्ट के अनुसार, 300 से ज्यादा चीनी कर्मचारी पहले ही चीन लौट चुके हैं। अब सिर्फ कुछ ही ताइवानी सपोर्ट वर्कर्स भारत में मौजूद हैं।
Apple की भारत में बड़ी योजना
Apple फिलहाल भारत को एक बड़े मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने की योजना पर काम कर रहा है। कंपनी का लक्ष्य 2026 तक अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश iPhone भारत में असेंबल करने का है। इस दिशा में तमिलनाडु के ओरगडम इलाके में Foxconn एक नया प्लांट भी बना रहा है, जहाँ iPhone के लिए स्ट्रक्टर (enclosures) तैयार किए जाएंगे।
2024 में Apple भारत में करीब 22 अरब डॉलर के iPhones असेंबल करने की तैयारी में है, जो पिछले साल की तुलना में 60% ज्यादा है। यानी Apple की भारत पर निर्भरता तेज़ी से बढ़ रही है।
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लेकिन अचानक चीन से तकनीकी स्टाफ की वापसी क्यों?
Foxconn द्वारा चीनी कर्मचारियों को वापस बुलाने का फैसला बेहद चौंकाने वाला है। ये वही एक्सपर्ट्स थे जो भारत में स्थानीय कर्मचारियों को तकनीकी जानकारी दे रहे थे और क्वालिटी कंट्रोल सुनिश्चित कर रहे थे क्योंकि भारत में बड़े लेवल पर iPhone प्रोडक्शन की शुरुआत सिर्फ चार साल पहले हुई थी, इसलिए अभी भी चीन के अनुभव और तकनीकी सहायता की काफी जरूरत है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की सरकार ने हाल ही में कुछ ऐसे नियम लागू किए हैं, जिनका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि तकनीक, मशीनरी और कुशल मानव संसाधन दूसरे देशों, खासकर भारत, को न भेजे जाएं। इस कदम को ‘टेक एक्सपोर्ट कंट्रोल’ के रूप में देखा जा रहा है।
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भारत में Apple की रणनीति पर असर
Apple की भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की योजना के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है। अगर चीन की तकनीकी मदद और कुशल कर्मचारियों की उपलब्धता कम हो गई, तो भारत में iPhone उत्पादन की गुणवत्ता और रफ्तार दोनों प्रभावित हो सकती हैं।
भारत को Apple जैसे वैश्विक ब्रांड के लिए मैन्युफैक्चरिंग बेस बनाने में अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि देश में फैक्ट्री और आधारभूत ढांचा तैयार हो चुका है, लेकिन तकनीकी अनुभव और वैश्विक स्तर की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए फिलहाल चीनी विशेषज्ञों की भूमिका काफी अहम रही है।