बदलेगा भारत का टेक फ्यूचर: केंद्र सरकार ने बदले SEZ के नियम

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SEZ rules
June 5, 2025

केंद्र सरकार के ये नए SEZ नियम भारत के सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए गेमचेंजर साबित हो सकते हैं।

Semiconductor News: भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए SEZ से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किए हैं। नए संशोधित नियमों का उद्देश्य छोटे और मध्यम स्तर के उद्यमों को अधिक अवसर देना और भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।

क्या है SEZ और ये बदलाव क्यों जरूरी हैं?

SEZ वो इलाके होते हैं, जहां इंडस्ट्री को टैक्स और दूसरी सरकारी छूट दी जाती है, ताकि वे ज्यादा प्रोडक्शन करें और भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएं। पहले SEZ बनाने के लिए कम से कम 50 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होती थी, जो छोटे इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी बाधा थी।

अब सरकार ने इस जरूरी शर्त को आसान बनाते हुए 50 हेक्टेयर की जगह सिर्फ 10 हेक्टेयर जमीन को ही जरूरी कर दिया है। इससे छोटे और मीडियम उद्यमियों को भी इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में उतरने का मौका मिलेगा।

घरेलू बाजार में बिक्री अब और आसान

अब SEZ में बने प्रोडक्ट्स को भारत के घरेलू बाजार यानी Domestic Tariff Area (DTA) में बेचा जा सकेगा, लेकिन इसके लिए तय शुल्क का भुगतान करना होगा। यह एक बड़ा बदलाव है क्योंकि पहले SEZ प्रोडक्ट्स को घरेलू बाजार में बेचना काफी कठिन और सीमित था। इसके अलावा, SEZ में बने प्रोडक्ट्स को अब दूसरे SEZ के वेयरहाउसिंग जोन में भी ट्रांसफर किया जा सकेगा। इससे सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स प्रोसेस और भी आसान और लचीले बन जाएंगे।

किन उद्योगों को मिलेगा सीधा फायदा?

नए नियमों के तहत कुछ खास सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट को प्राथमिकता दी गई है।

  • डिस्प्ले मॉड्यूल सब-डिविजन
  • कैमरा मॉड्यूल सब-डिविजन
  • बैटरी सब-डिविजन
  • प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB)
  • लिथियम-आयन सेल्स (बैटरियों के लिए)
  • मोबाइल और IT हार्डवेयर कंपोनेंट्स
  • हियरएबल्स और वेयरेबल्स

इन सभी क्षेत्रों में निवेश करने वालों को टैक्स में राहत, इंपोर्ट ड्यूटी में छूट और दूसरे कई फायदे मिल सकते हैं।

क्यों है ये कदम महत्वपूर्ण?

भारत सरकार का उद्देश्य है कि देश इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर के मामले में आत्मनिर्भर बने। दुनिया भर में चिप्स और कंपोनेंट्स की भारी डिमांड है और भारत इसमें बड़ा खिलाड़ी बन सकता है। इन बदलावों से निवेश में बढ़ोतरी होगी, रोजगार के नए मौके बनेंगे, भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं में विस्तार होगा, वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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