Smartphone को लेकर नई रिपोर्ट ने बढ़ाई करोड़ों यूजर्स की टेंशन

7 mins read
89 views
Smartphone को लेकर नई रिपोर्ट ने बढ़ाई करोड़ों यूजर्स की टेंशन
June 2, 2025

कॉल, मैसेज, सोशल मीडिया, ऑनलाइन पेमेंट, खाना ऑर्डर करना, पढ़ाई या काम… अब सबकुछ स्मार्टफोन के जरिए ही होता है।

Smartphone New Report : आज के समय में स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक हम हर काम में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। चाहे कॉल करना हो, मैसेज भेजना हो, खाना ऑर्डर करना हो या फिर ऑनलाइन बैंकिंग करनी हो। इन सबके बीच एक नई रिसर्च रिपोर्ट ने स्मार्टफोन को लेकर लोगों की चिंता बढ़ा दी है। इस रिपोर्ट में स्मार्टफोन को इंसान का ‘परजीवी’ कहा गया है।

क्या होता है परजीवी?

परजीवी ऐसे जीव होते हैं, जो किसी और जीव के शरीर पर निर्भर रहते हैं और उसका खून या पोषण चूसते हैं। इस रिसर्च में कहा गया है कि स्मार्टफोन भी कुछ ऐसा ही काम कर रहा है। ये हमारा समय, ध्यान और एनर्जी को लगातार खींच रहा है, जिससे हमें शारीरिक और मानसिक नुकसान हो रहा है।

Smartphone screen time

स्मार्टफोन को परजीवी क्यों कहा गया?

यह रिपोर्ट ऑस्ट्रेलियन जर्नल ऑफ फिलॉसफी में छपी है। इसमें बताया गया है कि स्मार्टफोन का उपयोग अब सिर्फ जरूरत तक सीमित नहीं रहा। हम दिन भर इसमें बीजी रहते हैं, चाहे वो सोशल मीडिया हो, शॉर्ट वीडियो हों, गेम्स हों या फिर ऑनलाइन शॉपिंग। धीरे-धीरे हम इसके इतने आदी हो चुके हैं कि इसे छोड़ पाना बहुत मुश्किल हो गया है।

डिवाइस हमारी नींद, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक जीवन को प्रभावित कर रही है। हम अपनों के साथ बैठकर भी मोबाइल में खोए रहते हैं। कई बार तो हमें खुद पता नहीं चलता कि हमने कितने घंटे इसमें बर्बाद कर दिए।

Social media scrolling

स्मार्टफोन के फायदे भी हैं

रिसर्च में यह भी कहा गया है कि सभी परजीवी नुकसानदेह नहीं होते। कुछ हमारे शरीर के भीतर पाचन और इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद करते हैं। ठीक वैसे ही, स्मार्टफोन भी पूरी तरह बुरा नहीं है। इसके कई फायदे हैं। जैसे इमरजेंसी में मदद, जानकारी की तेज पहुच, कामकाज की सुविधा और ऑनलाइन पढ़ाई।

कैसे बनते हैं हम इसके शिकार?

स्मार्टफोन में मौजूद ऐप्स हमें इस तरह से अट्रैक्ट करते हैं कि हम बार-बार इन्हें खोलें, स्क्रॉल करें और ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। इन ऐप्स को खास तौर पर इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह हमारी पसंद-नापसंद को समझ सकें और फिर हमें वही चीजें बार-बार दिखाएं। इस प्रक्रिया में हमारा डेटा इकट्ठा किया जाता है और फिर उसे विज्ञापन कंपनियों को बेचा जाता है।

Smartphone addiction

क्या करना चाहिए?

जरूरत है कि हम स्मार्टफोन का इस्तेमाल समझदारी से करें। दिन भर में कुछ समय के लिए मोबाइल से दूरी बनाएं, सोशल मीडिया की लत से बचें और अपने निजी डेटा को सुरक्षित रखें। स्मार्टफोन हमारा साथी है, लेकिन अगर हम सावधान न रहें तो ये धीरे-धीरे हमारी आज़ादी को निगलने वाला परजीवी भी बन सकता है।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Google को टक्कर देगा Samsung?, इस कंपनी से मिलाया हाथ
Previous Story

Google को टक्कर देगा Samsung?, इस कंपनी से मिलाया हाथ

RCB vs PBKS Final IPL 2025 : मोबाइल पर Free में देखिए Live मैच, जानें कैसे
Next Story

RCB vs PBKS Final IPL 2025 : मोबाइल पर Free में देखिए Live मैच, जानें कैसे

Latest from Gadgets

Don't Miss