TRAI ने बैकहॉल स्पेक्ट्रम आवंटन पर की नई पहल, 5G के लिए रास्ता साफ!

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Spectrum
May 29, 2025

भारत में 5G और डिजिटल कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने की दिशा में TRA) ने बुधवार को माइक्रोवेव स्पेक्ट्रम के आवंटन पर परामर्श प्रक्रिया शुरू की है।

TRAI Backhaul Spectrum Allocation: TRAI ने हाल ही में माइक्रोवेव स्पेक्ट्रम के आवंटन को लेकर एक महत्वपूर्ण परामर्श प्रक्रिया शुरू की है। इस परामर्श में पारंपरिक माइक्रोवेव बैकहॉल बैंड्स के साथ-साथ E और V बैंड्स को भी शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य देश में तेजी से बढ़ती डिजिटल जरूरतों और 5G सेवाओं के लिए बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है। TRAI ने इस मामले में विभिन्न हितधारकों से स्पेक्ट्रम की मांग, नियम-कानून, शुल्क, वैधता अवधि जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सुझाव मांगे हैं।

किन बैंड्स में स्पेक्ट्रम आवंटित होगा?

TRAI ने जिन बैंड्स को आवंटन के लिए चुना है, वे हैं 6 GHz, 7 GHz, 13 GHz, 15 GHz, 18 GHz, 21 GHz, इसके अलावा E-बैंड और V-बैंड। इन बैंड्स का इस्तेमाल खासकर बैकहॉल नेटवर्क के लिए किया जाता है, जो मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाओं को तेज गति से जोड़ता है। खासकर E और V बैंड्स 5G नेटवर्क के लिए बहुत अहम माने जा रहे हैं क्योंकि ये उच्च गति और बेहतर डेटा ट्रांसफर की सुविधा देते हैं।

TRAI ने किन मुद्दों पर सुझाव मांगे हैं?

TRAI ने करीब 50 सवालों के जरिए यह जानना चाहा है कि इन बैंड्स में स्पेक्ट्रम की मांग कितनी है, इसे किन व्यावसायिक सेवाओं के लिए आवंटित किया जाना चाहिए, आवंटन की प्रक्रिया कैसी होनी चाहिए, वैधता अवधि कितनी रखी जाए, नवीनीकरण कैसे हो, रोलआउट और शुल्क संरचना कैसी हो। इसके अलावा, TRAI ने पूछा है कि यदि इन बैंड्स का इस्तेमाल अंतिम मील कनेक्टिविटी (Fixed Wireless Access) के लिए किया जाए तो कितनी स्पेक्ट्रम (Spectrum) की जरूरत होगी और इसके लिए कौन से नियम होने चाहिए।

क्या है समय सीमा?

TRAI ने सभी हितधारकों से सुझाव 25 जून 2025 तक मांगे हैं, जबकि प्राप्त सुझावों पर प्रति-टिप्पणी 9 जुलाई 2025 तक हो सकेगी। यह पूरी जानकारी TRAI की वेबसाइट पर उपलब्ध है। यह स्पेक्ट्रम (Spectrum ) दूरसंचार अधिनियम 2023 की पहली अनुसूची में शामिल है। इसके तहत इसका आवंटन प्रशासनिक पद्धति से किया जाना है।

इसके अलावा, कुछ विशेष बैंड्स जैसे 7125-8400 MHz (7 GHz) और 14.8-15.35 GHz (15 GHz) को 2027 में होने वाली ITU की विश्व रेडियोकम्युनिकेशन कॉन्फ्रेंस (WRC-27) में IMT सेवाओं के लिए प्रस्तावित किया जाएगा। TRAI ने यह भी पूछा है कि क्या इन बैंड्स के उपयोग पर अभी फैसला लेना चाहिए या WRC-27 के बाद।

इसका भारत के डिजिटल भविष्य पर क्या असर होगा?

TRAI का यह कदम भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में अहम साबित होगा। तेजी से बढ़ती मोबाइल डेटा और इंटरनेट सेवाओं की मांग को पूरा करने के लिए बेहतर बैकहॉल नेटवर्क जरूरी है। E और V बैंड्स जैसी नई तकनीकें 5G नेटवर्क को तेज और भरोसेमंद बनाएंगी।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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