भारत अब सिर्फ 5G तक सीमित नहीं है, बल्कि 6G तकनीक की ओर भी तेजr से कदम बढ़ा रहा है। हाल ही में केंद्रीय दूरसंचार राज्य मंत्री ने इसकी जानकारी दी है।
6G Internet: भारत अब सिर्फ 5G ही नहीं, बल्कि 6G टेक्नोलॉजी की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। हाल ही में केंद्रीय दूरसंचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने जानकारी दी है कि देश में 6G से जुड़ी 111 रिसर्च प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी जा चुकी है। इन प्रोजेक्ट्स के लिए सरकार ने करीब 300 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत अब 6G टेक्नोलॉजी के पेटेंट फाइल करने के मामले में दुनिया के टॉप 6 देशों में शामिल हो गया है, जो कि टेक्नोलॉजी सेक्टर में एक बड़ी उपलब्धि है।
5G से 100 गुना तेज
मंत्री ने बताया कि 6G टेक्नोलॉजी TeraHertz फ्रीक्वेंसी बैंड्स पर काम करेगी, जिससे इंटरनेट की स्पीड 1 टेराबिट प्रति सेकेंड तक हो सकती है। यह 5G की स्पीड से लगभग 100 गुना ज्यादा तेज होगी। इस नई टेक्नोलॉजी से इंटरनेट कनेक्शन और डेटा ट्रांसफर में जबरदस्त सुधार होगा। मतलब, फ़ाइलें चुटकियों में डाउनलोड होंगी।
6G में भारत बन सकता है दुनिया का लीडर
केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी का कहना है कि देश के पास बड़ी संख्या में होशियार इंजीनियर और वैज्ञानिक हैं, जिनकी मदद से भारत ग्लोबल टेक्नोलॉजी लीडर बन सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि रिसर्च और इनोवेशन के लिए भारत के पास अच्छा समय और रिसोर्स मौजूद हैं, जो देश को टेक्नोलॉजी के मामले में आत्मनिर्भर बना सकते हैं।
6G से खुलेगा नए इंडस्ट्रीज़ का रास्ता
6G टेक्नोलॉजी सिर्फ मौजूदा इंटरनेट और मोबाइल सिस्टम को बेहतर नहीं बनाएगी, बल्कि इससे कई नई इंडस्ट्रीज भी उभरेंगी। अनुमान है कि 6G से भारत की अर्थव्यवस्था को 2035 तक करीब 1 ट्रिलियन डॉलर का योगदान मिल सकता है। इसके अलावा, स्वदेशी 6G टेक्नोलॉजी से देश की नेटवर्किंग और कम्युनिकेशन सिस्टम और भी ज्यादा सेफ और मजबूत बन जाएगी।
उत्तर प्रदेश में बनेगा सेमीकंडक्टर प्लांट
टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए, सरकार ने उत्तर प्रदेश के जेवर में एक सेमीकंडक्टर प्लांट बनाने को मंजूरी दी है। यह प्रोजेक्ट HCL और Foxconn कंपनियों के साथ मिलकर तैयार किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में कुल 3,706 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। यह प्लांट हर महीने 20,000 वेफर यूनिट्स प्रोसेस करेगा, जिससे लगभग 3.6 करोड़ चिप्स बनाई जाएंगी। ये चिप्स मोबाइल, लैपटॉप और कारों में इस्तेमाल होती हैं और स्क्रीन पर कंटेंट को सही क्वालिटी में दिखाने में बेहद जरूरी होती हैं।
भारत जिस रफ्तार से 6G और सेमीकंडक्टर जैसे हाईटेक क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है, वह न सिर्फ देश को टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि भारत को एक ग्लोबल टेक्नोलॉजी हब में भी बदलने की दिशा में बड़ा कदम है।