राम मंदिर के पास एक ड्रोन उड़ता हुआ देखा गया, लेकिन पलक झपकते ही सुरक्षा बलों ने उसे मार गिराया।
Drone in Ayodhya: अयोध्या में राम मंदिर के ऊपर एक ड्रोन उड़ता हुआ दिखाई दिया है, लेकिन सिक्योरिटी फोर्स ने उसे मार गिराया। यहां हर किसी के मन में सवाल है कि उनके पास ऐसी कौन सी टेक्नोलॉजी है, जिसकी वजह से ड्रोन को पकड़ कर मार गिराया। दरअसल, सिक्योरिटी फोर्स के पास एंटी ड्रोन सिस्टम था, जिसकी वजह से ड्रोन तुरंत जमीन पर गिर गया। अब पुलिस ड्रोन पायलट की तलाश कर रही है और खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर हैं। एंटी ड्रोन सिस्टम इतना शक्तिशाली है कि यह इलाके के अंदर किसी भी संदिग्ध ड्रोन को देखते ही उसे मार गिराता है
क्या है एंटी ड्रोन सिस्टम
देश में आजकल ड्रोन का यूज बढ़ गया है। इसके साथ ही इनका दुरुपयोग भी बढ़ गया है। जासूसी, तस्करी और हमलों के लिए ड्रोन का यूज एक गंभीर खतरा है। इस खतरे से निपटने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम का यूज किया जाता है। एंटी-ड्रोन सिस्टम एक ऐसा सिस्टम है, जिसका यूज ड्रोन का पता लगाने, उसे ट्रैक करने और उसे निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है। इसे काउंटर-ड्रोन सिस्टम या ड्रोन डिफेंस सिस्टम भी कहा जाता है।
एंटी ड्रोन सिस्टम की जरूरत क्या है
ड्रोन टेक्नोलॉजी की लोकप्रियता और उपलब्धता बढ़ने के साथ-साथ इसके दुरुपयोग की संभावना भी बढ़ रही है। इन खतरों का मुकाबला करने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में एंटी-ड्रोन सिस्टम इम्पोर्टेंट रोल निभाते हैं।
एंटी ड्रोन सिस्टम कैसे काम करता है?
एंटी-ड्रोन सिस्टम कई तरह की तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं।
- रेडियो फ्रीक्वेंस डिटेक्शन: ड्रोन द्वारा उत्सर्जित रेडियो तरंगों का पता लगाकर उनकी मौजूदगी का पता लगाना।
- साउंड डिटेक्शन: ड्रोन की आवाज़ का पता लगाना।
- वीडियो डिटेक्शन: कैमरों का उपयोग करके ड्रोन को देखना और पहचानना।
- जैमिंग: ड्रोन के संचार संकेतों को बाधित करके उनके नियंत्रण को रोकना।
- स्पूफिंग: ड्रोन को गलत सिग्नल भेजकर उन्हें भ्रमित करना।
- काइनेटिक इंटरसेप्शन: ड्रोन को मार गिराने के लिए मिसाइलों या अन्य हथियारों का उपयोग करना।