अमेरिकी न्याय विभाग Google की मूल कंपनी अल्फाबेट को अपना क्रोम इंटरनेट ब्राउजर बेचने का आदेश देने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है।
Google Chrome Browser: Google को जल्द ही बड़ा झटका लग सकता है क्योंकि अमेरिकी न्याय विभाग Google की पैरेंट कंपनी Alphabet को अपना क्रोम इंटरनेट ब्राउजर बेचने का आदेश देने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। विभाग ने जज अमित मेहता से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उसके एंड्रॉयड स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम से जुड़े उपायों की मांग की है। बता दें कि जज अमित मेहता ने अगस्त में फैसला सुनाया था कि Google ने सर्च मार्केट पर अवैध रूप से एकाधिकार कर लिया है।
मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतिस्पर्धा विरोधी प्रवर्तक चाहते हैं कि जज Google को क्रोम बेचने का आदेश दें क्योंकि ‘यह एक प्रमुख पहुंच बिंदु है, जिसके माध्यम से कई लोग इसके खोज इंजन का उपयोग करते हैं।’
DOJ के प्रस्ताव को मंजूरी दी तो क्या होगा?
जज मेहता अगर DOJ के प्रस्तावों को मंजूरी देते हैं, तो Google को Chrome को बेचना पड़ सकता है। अगर ऐसा होता है तो इससे ऑनलाइन सर्च मार्केट और तेजी से बढ़ते AI उद्योग में बड़ा बदलाव आ सकता है। Chrome की ओनरशिप Google के विज्ञापन के लिए केंद्रीय है। Google के AI चैटबॉट Gemini को बढ़ावा देने में भी Chrome की अहम भूमिका है। यूजर के सवालों के जवाब देने के अलावा Gemini एक वर्चुअल असिस्टेंट की तरह है। इसे यूजर की सुविधा के लिए डिजाइन किया गया है।
क्या है Google की प्रतिक्रिया
Google के रेगुलेटरी मामलों के वाइस प्रेसिडेंट ली-ऐनी मुलहोलैंड ने DOJ के कार्रवाई की आलोचना की। उन्होंने इसे ‘कट्टरपंथी एजेंडा’ बताया जो मामले के कानूनी दायरे से परे हैं। साथ ही चेतावनी दी है कि इससे यूजर्स को नुकसान होगा। उन्होंने कहा है कि सरकार का यह हस्तक्षेप यूजर्स, डेवलपर्स और अमेरिकी तकनीकी नेतृत्व को उस समय नुकसान पहुंचाएगा जब इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।