YouTube Content Moderation: Google की स्वामित्व वाली कंपनी YouTube ने मंगलवार को बड़ा ऐलान किया है। कंपनी जल्द ही उन क्रिएटर्स को फिर से मौका देगी जिनके चैनल पहले स्थायी रूप से बैन कर दिए गए थे। खास तौर पर यह फैसला उन चैनलों पर लागू होगा जिन्हें कोविड-19 और चुनाव से जुड़ी गलत जानकारी फैलाने के आरोप में हटाया गया था।
YouTube ने घोषणा की है कि पहले बैन हुए क्रिएटर्स को फिर से चैनल शुरू करने का अवसर मिलेगा। कोविड-19 और चुनावी नीतियों के तहत हटाए गए चैनल अब नए पायलट प्रोजेक्ट में शामिल हो सकते हैं।
इस फैसले की जानकारी Alphabet के वकील डेनियल डोनोवन ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की न्यायिक समिति के चेयरमैन जिम जॉर्डन को भेजे गए एक लैटर में दी है। यह लैटर 23 सितंबर को भेजा गया था जो समिति की ओर से जारी समन के जवाब में पेश किए गए ‘स्टेटमेंट ऑफ फैक्ट्स’ का हिस्सा है।
अब ज्यादा खुलापन
डोनोवन ने लैटर में लिखा कि YouTube की कम्युनिटी गाइडलाइन्स में अब कोविड-19 और चुनावी प्रक्रिया से जुड़ी सामग्री को लेकर पहले से ज्यादा लचीलापन है। ऐसे में कंपनी मानती है कि जिन क्रिएटर्स को पुराने नियमों के आधार पर बैन किया गया था उन्हें अब फिर से प्लेटफॉर्म पर लौटने का मौका मिलना चाहिए।
कंजरवेटिव आवाजो को जगह
लैटर में यह भी कहा गया कि YouTube मंच पर कंजरवेटिव आवाजों को महत्व देता है। ये क्रिएटर्स बड़ी संख्या में दर्शकों तक पहुंचते हैं और समाज में अहम भूमिका निभाते हैं। लोग इनके चैनलों के जरिए नेताओं, मशहूर हस्तियों और बिजनेस लीडर्स की राय सीधे सुनते हैं। इसलिए कंपनी चाहती है कि ये आवाजें फिर से प्लेटफॉर्म का हिस्सा बनें।
बाइडेन प्रशासन पर आरोप
डोनोवन ने यह भी दावा किया कि महामारी के दौरान, बाइडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने कंपनी पर दबाव डाला था कि कुछ कोविड-संबंधी वीडियो हटाए जाएं जबकि उन वीडियो ने YouTube के नियमों का सीधा उल्लंघन नहीं किया था। उन्होंने कहा यह अस्वीकार्य है कि कोई भी सरकार यह तय करे कि कंपनी कंटेंट कैसे मॉडरेट करे। YouTube ने हमेशा ऐसे दबाव का विरोध किया है और अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा की है।
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थर्ड-पार्टी फैक्ट-चेकर्स को अधिकार नहीं
डोनोवन ने यह भी स्पष्ट किया कि YouTube अब भी थर्ड-पार्टी फैक्ट-चेकर्स को सामग्री हटाने या मॉडरेट करने का अधिकार नहीं देगा। कंपनी का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि मंच पर फ्री एक्सप्रेशन को अधिक से अधिक जगह मिले।
पायलट प्रोजेक्ट से शुरुआत
YouTube ने X पर पोस्ट कर बताया कि यह पहल फिलहाल एक सीमित पायलट प्रोजेक्ट होगी। इसमें केवल कुछ चुनिंदा चैनलों और क्रिएटर्स को शामिल किया जाएगा, खासकर वे चैनल जिन्हें उन नीतियों के तहत हटाया गया था जो अब प्रभावी नहीं हैं।
कंपनी ने यह भी स्वीकार किया कि लंबे समय से कई क्रिएटर्स पूछ रहे थे कि क्या उनके लिए दोबारा YouTube पर लौटने का कोई रास्ता है। अब इस योजना से उन्हें नया चैनल शुरू करने का अवसर मिलेगा।
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किन चैनलों पर असर
इस फैसले से डैन बॉन्गिनो, स्टीव बैन्नन और रॉबर्ट एफ. केनेडी जूनियर से जुड़े चैनलों पर भी असर पड़ सकता है। हालांकि, अभी साफ नहीं है कि ये चैनल बहाल होंगे या नहीं। यह कदम YouTube की नीतियों में बड़ा बदलाव माना जा रहा है जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नई दिशा देता है।