Trump Nvidia H200: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने AI चिप्स को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी कंपनी Nvidia को अपनी H200 AI चिप चीन और कुछ अन्य बाजारों में बेचने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, इसकी एक शर्त होगी इस बिक्री से होने वाली कमाई का 25 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी सरकार को मिलेगा। यह फैसला अमेरिका और चीन के बीच चल रही तकनीकी प्रतिस्पर्धा के बीच काफी अहम माना जा रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने Nvidia को चीन में H200 AI चिप बेचने की अनुमति दी है, लेकिन शर्त है कि बिक्री से होने वाली कमाई का 25% अमेरिका को मिलेगा।
डोनाल्ड ट्रंप का बयान
ट्रंप ने यह जानकारी अपने Truth सोशल पर साझा की। उन्होंने लिखा कि इस प्रस्ताव पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ‘सकारात्मक प्रतिक्रिया’ दी है। ट्रंप के मुताबिक, यह नीति अमेरिका में नौकरियों को बढ़ावा देगी, घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को मजबूत करेगी और अमेरिकी टैक्सपेयर्स को सीधा लाभ पहुंचाएगी।
वाणिज्य विभाग बनाएगा नियम
राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि अमेरिका का वाणिज्य विभाग इस पूरी नीति के नियम और शर्तों को अंतिम रूप दे रहा है। उन्होंने यह भी साफ किया कि यही मॉडल आगे चलकर AMD, इंटेल और अन्य बड़ी अमेरिकी चिप कंपनियों पर भी लागू होगा। यानी आने वाले समय में कई अमेरिकी कंपनियां इसी तरह चीन जैसे बाजारों में चिप बेच सकेंगी।
पहले से मौजूद समझौता
गौर करने वाली बात यह है कि Nvidia और उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी AMD अगस्त में ही चीन में चिप बिक्री से होने वाली कमाई का 15% हिस्सा अमेरिकी सरकार को देने पर सहमत हो चुकी थीं। उसी समय खबर आई थी कि चीन ने अपनी कंपनियों को Nvidia की H20 AI चिप इस्तेमाल न करने की सलाह दी थी। यह चिप खासतौर पर चीनी बाजार के लिए बनाई गई थी।
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H200 चिप कितनी शक्तिशाली है
Nvidia की H200 चिप, H20 से ज्यादा एडवांस है, लेकिन यह कंपनी की सबसे ताकतवर या हाई-एंड चिप नहीं मानी जाती। इसके बावजूद, AI से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट्स और डेटा प्रोसेसिंग में इसका इस्तेमाल काफी अहम होता है।
बाजार और कंपनी की प्रतिक्रिया
इस फैसले की खबर आते ही Nvidia के शेयरों में तेजी देखी गई। शुरुआती बढ़त के बाद शेयर थोड़ा संभला, लेकिन आफ्टर-आर्स ट्रेडिंग में इसमें करीब 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई। Nvidia ने बयान जारी कर इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि इससे अमेरिका में बेहतर सैलरी वाली नौकरियां और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।
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US-चीन टेक संघर्ष का केंद्र चिप्स
सेमीकंडक्टर चिप्स आज अमेरिका और चीन के बीच तकनीकी होड़ का सबसे बड़ा मुद्दा बन चुकी हैं। स्मार्टफोन, कंप्यूटर, AI सिस्टम और रक्षा उपकरणों तक, लगभग हर आधुनिक तकनीक इन्हीं पर निर्भर है। हाल ही में दक्षिण कोरिया में हुई बैठक के बाद ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच एक अस्थायी व्यापार समझौता भी हुआ था, जिसमें अमेरिकी चिप कंपनियों से जुड़ा यह मुद्दा भी शामिल रहा।
