Pavel Durov Accusation: Telegram के संस्थापक पावेल दुरोव ने फ्रांस की खुफिया एजेंसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि फ्रांसीसी खुफिया एजेंसी ने उन पर दबाव डाला है कि वे Telegram पर कुछ मोल्दोवा के चैनल्स को बंद करें। इसके बदले उन्हें अपने कानूनी मामले में मदद का वादा दिया गया।
Telegram के दुरोव ने फ्रांस की खुफिया एजेंसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, उनका कहना है कि मोल्दोवा के चुनाव के दौरान कुछ चैनल्स को ब्लॉक करने का दबाव दिया गया था।
दुरोव ने यह बात X पर शेयर कर बताया कि यह घटना तब हुई जब वे पेरिस में फंसे हुए थे और एक कानूनी मुद्दे का सामना कर रहे थे। फ्रांसीसी एजेंसी चाहती थी कि मोल्दोवा में कुछ चैनल्स को चुनाव के दौरान बंद किया जाए। यह चुनाव देश के भविष्य को तय कर सकता था।
दुरोव का कहना
दुरोव ने कहा कि फ्रांसीसी खुफिया एजेंसी ने उन्हें कहा कि अगर वे चैनल्स को ब्लॉक करेंगे तो जज के सामने उनके पक्ष में बात करेंगे। डुरोव ने इसे ‘अस्वीकार’ बताया और कहा कि उन्होंने केवल उन्हीं चैनलों को हटाया जो Telegram के नियमों का उल्लंघन कर रहे थे।
दुरोव ने आगे कहा अगर यह एजेंसी सच में जज से मिली है तो इसका मतलब है कि उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया है। अगर ऐसा नहीं है तो उन्होंने मेरे कानूनी मामले का राजनीतिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया।
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फ्रांस की प्रतिक्रिया
फ्रांसीसी अधिकारियों ने X पर कहा कि दुरोव ने इस तरह के आरोप पहले भी रोमानिया के चुनाव के दौरान लगाए थे। उस समय फ्रांस की विदेशी खुफिया सेवा DGSE ने इसे खारिज किया था।
दुरोव का कानूनी मामला
2024 में दुरोव को फ्रांस के एक एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था। वह अभी न्यायिक निगरानी में हैं और उन पर Telegram से जुड़े संगठित अपराध के आरोप हैं। डुरोव ने इन आरोपों को ‘कानूनी और तार्किक रूप से गलत’ बताया है।
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Telegram का असर
Telegram के 1 अरब से ज्यादा यूजर्स हैं और यह रूस, यूक्रेन व अन्य पूर्व सोवियत देशों में बहुत लोकप्रिय है। दुरोव ने 2014 में रूस छोड़ दिया था क्योंकि उन्होंने विरोधी समूहों को बंद करने से इनकार किया था। अब उनका मामला सिर्फ कानूनी नहीं है बल्कि मोल्दोवा की राजनीति, अभिव्यक्ति की आजादी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की ताकत से जुड़ा है।