भारत सरकार ने बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नए डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट का मसौदा जारी किया है।
Social Media New Rule: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पब्लिक कंसल्टेशन के लिए पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन ड्रॉफ्ट नियम जारी कर दिए हैं। इस ड्रॉफ्ट रूल में बच्चों को तकनीक से बचाने और डिजिटल स्पेस के नुकसान का जिक्र है। मंत्री ने साफ किया है कि यह आखिरी फैसला नहीं है। नियम के लागू होने के बाद जरूरत पड़ने पर इसमें सुधार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि डेटा प्रोटेक्शन के जरिए बच्चों को टेक्नोलॉजी की ताकत से परिचित कराया जाएगा, साथ ही उन्हें इसके खतरों से भी बचाया जाएगा। सरकार ने 3 जनवरी को ड्रॉफ्ट DPDP रूल्स 2025 जारी किया था, जिसे 18 फरवरी 2025 तक पब्लिक कंसल्टेशन के लिए रखा जाएगा।
पैरेंट्स से लेनी होगी इजाजत
नए ड्राफ्ट रूल के मुताबिक, नाबालिग बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट के यूज पर रोक लगाई जा सकती है। यानी कि बच्चों को अब सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाने से पहले अपने पैरेंट्स से इजाजत लेनी होगी। इसके लिए एक वर्चुअल टोकन का यूज किया जाएगा, जिसके जरिए बच्चे अपने पैरेंट्स से वर्चुअली सोशल मीडिया यूज करने की इजाजत ले सकेंगे। बता दें कि यह एक तरह की वेरिफिकेशन प्रक्रिया होगी, जिसके जरिए बच्चों की उम्र को वेरिफाई किया जाएगा।
क्या कहती है सरकार
सरकार का कहना है कि वर्चुअल टोकन की प्रक्रिया को बेहद आसान बनाया जाएगा, ताकि बच्चों को इजाजत मिलने में कोई दिक्कत न आए। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि टोकन सिस्टम का इस्तेमाल कई मामलों जैसे आधार आधारित ट्रांजेक्शन में किया जा सकेगा।
यह टोकन सिस्टम टेम्पररी होगा, जो सिर्फ एक बार के लेन-देन तक ही सीमित रहेगा। इसके बाद टोकन खुद ही खत्म हो जाएगा। इस मामले में कई एक्सपर्ट से सलाह ली जा रही है। मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि इस मामले में प्राइवेसी को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।