Intel Tata Deal: भारत का सेमीकंडक्टर मिशन अब सिर्फ निवेश या योजनाओं तक सीमित नहीं रहा है। पहली बार ऐसा हुआ है जब दुनिया की तकनीकी ताकतों में शामिल Intel ने सीधे भारत की जमीन पर चिप निर्माण और एडवांस पैकेजिंग शुरू करने का फैसला किया है। Intel ने Tata Group के साथ हुई यह साझेदारी केवल एक व्यापारिक अनुबंध नहीं बल्कि भारत की तकनीकी पहचान को नए सिरे से परिभाषित करने वाला मोड़ है। यह शुरुआत है उस सफर की, जहां भारत तकनीक का निर्माता भी होगा और नेतृत्वकर्ता भी।
जाने कैसे Intel और Tata की साझेदारी भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने की दिशा में नई रफ्तार दे रही है पूरी रिपोर्ट पढ़ें
भारत उपभोक्ता से निर्माता बनने की राह पर
अब तक भारत का नाम तकनीक के उपयोग करने वाले देशों में आता था। लेकिन इस करार के बाद भारत पहली बार वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन का हिस्सा बन रहा है। दुनिया में चिप की कमी ने यह साबित किया कि तकनीकी शक्ति का असली आधार वही देश हैं जो Semiconductor Chip बनाते हैं। भारत इस गैप को भरने की दिशा में अपना कदम बढ़ा दिया है।
इन दो जगहों से तय होगा चिप तकनीक का भविष्य
गुजरात के ढोलेरा का सेमीकंडक्टर प्लांट भारत को चिप निर्माण की वैश्विक रेस में उतारेगा वहीं असम का असेंबली और पैकेजिंग प्लांट पूर्वोत्तर भारत के औद्योगिक परिदृश्य को नया आकार देगा। इससे साबित हो रहा है कि भारत नए औद्योगिक भूगोल की ओर भी बढ़ रहा है। यह दबदबा देश के कुछ ही हिस्सों तक ही सिमट कर रह गया था। अब हर तरफ रोजगार का अवसर प्राप्त होगा। भारत चिप उत्पाद के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह कार्य Tata Electronics के नए Fab और Outsourced Semiconductor Assembly and Test प्लांट्स में Intel के प्रोडक्ट्स का निर्माण और पैकेजिंग की जाएगी।
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AI बेस्ड कंप्यूटिंग में भारत की उभरती ताकत
दुनिया एआई की ओर तेजी से बढ़ रही है। एआई सक्षम पीसी आने वाले दिनों में आम जरूरत बनेंगे। इसी मद्देनजर रखते हुए इंटेल और टाटा ने भारत को एआई पीसी बाजार की अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने की योजना बनाई है। 2026 से 2030 के बीच भारत में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन बेहद तेजी से बढ़ेगा। एआई आधारित ऐप्लिकेशन, लोकल क्लाउड सेवाएं, और मशीन लर्निंग पर आधारित डिवाइसों की मांग बढ़ेगी। इस बढ़ती जरूरत का लाभ अब भारतीय उद्योग ले सकेगा क्योंकि चिप निर्माण देश के भीतर होगा।
साझेदोरे ने कहा इसे भविष्य का अवसर
Intel Corporation के CEO Lip-Bu Tan और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन दोनों ने जिस तरह से इस साझेदारी को भविष्य का बड़ा अवसर बताया है। वह दिखाता यह भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता का रोडमैप है। इंटेल के अनुभव और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के तेजी से उभरते निर्माण ढांचे के मेल से भारत वैश्विक तकनीकी इकोसिस्टम में एक नई पहचान बना सकता है। आने वाले समय भारत की एक आर्थिक पहचान से आगे बढ़कर तकनीकी राष्ट्र की दिशा में अग्रसर होगा है।
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भारत बन सकता है तकनीकी संपन्न
इंटेल और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की यह साझेदारी यह दिखाता है कि भारत अब तकनीक उपभोग करने वाला नहीं बल्कि तकनीक गढ़ने वाला राष्ट्र बनना चाहता है। अगर सब ठीक रहा तो भारत को भी तकनीक संपन्न देश बनने में देर नहीं लगेगा।
