एक तरफ X खुद को फ्री स्पीच का समर्थक बताता है, वहीं भारत सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि ऐसे फैसलों की सटीक जानकारी और पारदर्शिता जरूरी है।
Indian Government Clarified On X Allegations: भारत सरकार ने मंगलवार को Elon Musk के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले Twitter) द्वारा लगाए गए उस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी Reuters और Reuters World जैसे अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया था। सरकार ने साफ किया कि उसका ऐसा कोई इरादा नहीं था और जैसे ही उसे इस ब्लॉकिंग की जानकारी मिली, उसने X को तुरंत अनब्लॉक करने के लिए कहा।
सरकार ने दी सफाई
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा जैसे ही भारत में X पर Reuters और ReutersWorld अकाउंट्स ब्लॉक हुए, उसी वक्त मंत्रालय ने X को पत्र लिखकर इन्हें अनब्लॉक करने की मांग की। सरकार ने न तो कोई ब्लॉकिंग आदेश दिया और न ही इस तरह की कोई कार्रवाई की। प्लेटफॉर्म से यह भी पूछा गया कि किन परिस्थितियों में ये अकाउंट्स ब्लॉक किए गए।
एक्स को लगा 21 घंटे का समय
मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, हमने X से तुरंत जवाब मांगा, लेकिन प्लेटफॉर्म ने Reuters के अकाउंट्स को अनब्लॉक करने में 21 घंटे से ज्यादा का वक्त लिया। 6 जुलाई को रात 9 बजे के बाद जाकर इन अकाउंट्स की पहुंच दोबारा बहाल की गई।
READ MORE: https://hindi.analyticsinsight.net/gadgets/india-first-smartphones-ai-pulse-and-nova-5g-launched/
READ MORE: https://hindi.analyticsinsight.net/latest-news/jack-dorsey-bitchat-will-work-without-network/
X ने क्या कहा था?
X ने 9 जुलाई को एक सार्वजनिक पोस्ट में कहा था कि उसे भारत सरकार की तरफ से IT Act की धारा 69A के तहत 2,355 अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश मिला, जिसमें Reuters और ReutersWorld जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय न्यूज चैनल्स भी शामिल थे।
X ने दावा किया था कि आदेश का पालन न करने पर क्रिमिनल कार्रवाई का खतरा था और इसलिए उसने कानून के तहत जरूरी कार्रवाई की। हालांकि, भारत सरकार ने इस दावे को झूठा और भ्रामक बताया।
भारतीय कानून में X की सीमाएं
X ने यह भी कहा कि भारत में वह सीधे इन कार्यकारी आदेशों को अदालत में चुनौती नहीं दे सकता क्योंकि भारतीय कानून में उसकी इस संबंध में सीमाएं हैं। उसने यूजर्स से आग्रह किया कि वे खुद कानूनी रास्ता अपनाएं और अदालत का रुख करें।