India First Call: सोचिए… आज जिस मोबाइल फोन से हम सेकंडों में किसी को भी कॉल कर लेते हैं, कभी वही चीज़ लोगों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं थी। आज कॉल करना हमें जितना आसान और सामान्य लगता है, उतना ही यह करीब तीन दशक पहले एक अनोखा और रोमांचक अनुभव हुआ करता था। उस दौर में हर कॉल अपने आप में एक कहानी थी और हर बातचीत किसी यादगार मौके जैसी लगती थी।
क्या आप जानते हैं, 30 साल पहले भारत में पहली मोबाइल कॉल कैसे हुई थी और किसने यह ऐतिहासिक बातचीत की थी? जानिए उस दिन की कहानी जिसने मोबाइल क्रांति की शुरुआत की और हमारी जिंदगी बदल दी।
पहले कैसा था Nokia फोन
31 जुलाई 1995 का दिन भारतीय तकनीकी इतिहास में हमेशा दर्ज रहेगा। इस दिन भारत में पहली बार मोबाइल फोन पर कॉल की गई। कोलकाता में बैठे पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बासु ने दिल्ली में मौजूद केंद्रीय संचार मंत्री सुख राम से बात की। दोनों नेताओं के हाथों में उस वक्त भारी-भरकम Nokia फोन थे। यह कॉल Modi Telstra नेटवर्क पर हुई थी, जो बीके मोदी ग्रुप और ऑस्ट्रेलियाई कंपनी Telstra का संयुक्त प्रोजेक्ट था। इसी कॉल ने भारत में मोबाइल युग की नींव रखी और देश को एक नई दिशा दिखाई।
आज हम मुफ्त कॉलिंग और अनलिमिटेड डेटा के आदी हो चुके हैं, लेकिन 1995 में हालात बिल्कुल अलग थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस समय एक मिनट की कॉल के लिए करीब 8.4 रुपये देने पड़ते थे और अगर कॉल पीक टाइम पर होती तो खर्च 16 रुपये प्रति मिनट तक पहुंच जाता था। जरा सोचिए, छोटी-सी बातचीत भी उस जमाने में जेब पर कितना भारी पड़ती होगी। यही वजह थी कि उस समय मोबाइल फोन सिर्फ कुछ गिने-चुने लोगों तक ही सीमित था।
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समय के साथ बदली तकनीक
उस दौर में किसी के पास मोबाइल होना ही बहुत बड़ी बात मानी जाती थी। कॉल की घंटी बजते ही आसपास के लोग उत्सुकता से देखने लगते थे कि आखिर किसे फोन आया है। एक कॉल सिर्फ बातचीत नहीं होती थी, बल्कि पूरे माहौल को रोमांचित कर देती थी। हर कॉल किसी उत्सव जैसी होती और हर बातचीत एक याद बन जाती।
समय के साथ मोबाइल तकनीक ने भारत को पूरी तरह बदल दिया। सिर्फ बात करने का तरीका ही नहीं, बल्कि काम करने और जुड़ने का तरीका भी बदल गया। बैंकिंग हो, ऑनलाइन शॉपिंग हो या सोशल मीडिया हर सुविधा अब मोबाइल की स्क्रीन पर मौजूद है। यही वजह है कि आज भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल यूजर बेस वाला देश बन चुका है।
ज्योति बासु और सुख राम ने रचा इतिहास
1995 की वह पहली कॉल केवल दो नेताओं की बातचीत नहीं थी, बल्कि भारत में तकनीक का एक नया अध्याय लिखने जैसा था। आज हम एक क्लिक पर किसी से भी जुड़ सकते हैं, वीडियो कॉल कर सकते हैं और दुनियाभर की जानकारी अपनी हथेली पर पा सकते हैं, लेकिन यह सब तभी संभव हुआ जब 31 जुलाई 1995 को ज्योति बासु और सुख राम ने इतिहास रचा।
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आज जब हम अपने परिवार और दोस्तों से आसानी से बातें करते हैं, तो हमें याद रखना चाहिए कि यह सुविधा सिर्फ 30 साल पहले ही भारत में शुरू हुई थी। एक छोटा Nokia फोन और एक ऐतिहासिक कॉल ने हमें आज की तेज़, स्मार्ट और कनेक्टेड दुनिया दी। सच कहें तो मोबाइल ने हमारी जिंदगी को न सिर्फ आसान बनाया बल्कि उसे और भी रोमांचक और जुड़ा हुआ बना दिया।
