आने वाले वर्षों में भारत की ‘डाटा भूख’ और बढ़ने वाली है। स्मार्टफोन और तेज इंटरनेट अब शौक नहीं, जरूरत बन चुके हैं।
Ericsson Mobility Report: आज के समय में स्मार्टफोन न सिर्फ मनोरंजन का साधन है, बल्कि पढ़ाई, कामकाज, बैंकिंग और सोशल लाइफ की रीढ़ भी बन चुका है। इसी वजह से मोबाइल डाटा की खपत लगातार बढ़ रही है। Ericsson Mobility Report ने खुलासा किया है कि भारत में एक आम स्मार्टफोन यूजर करीब 32 GB डाटा प्रति माह खर्च कर रहा है। यह आंकड़ा दुनिया में सबसे अधिक है। यह आंकड़ा बताता है कि भारतीयों ने कितनी तेजी से डिजिटल लाइफ को अपनाया है।
हर महीने खर्च हो रहे हैं 32GB डेटा
दिन का हिसाब देखें तो लगभग 1 GB डाटा रोज। यह आंकड़ा 2018 में जहां प्रति माह मात्र 8 से 10 GB था, वहीं अब तीन गुना से ज्यादा बढ़ गया है। इंटरनेशनल लेवल पर देखें तो कई विकसित देशों में औसत मासिक मोबाइल डाटा इस्तेमाल अभी भी 20 से 25 GB के आसपास है। इस लिहाज से भारत इस मामले में टॉप पर है।
2030 तक डाटा खपत होगी दोगुनी
रिपोर्ट का अनुमान है कि 2030 तक भारतीय यूजर हर महीने करीब 62 GB डाटा खर्च करेंगे। पहले यह पूर्वानुमान 66 GB था, जिसे हालिया रिपोर्ट में 4% घटाया गया है। फिर भी मौजूदा 32 GB से यह लगभग दोगुना वृद्धि होगी।
खपत बढ़ने की बड़ी वजह क्या है
- फास्ट नेटवर्क: 5G की स्पीड 4G से कई गुना तेज है, जिससे हाई क्वालिटी वाले 4K-वीडियो, क्लाउड गेमिंग और भारी फाइलें भी तुरंत डाउनलोड होती हैं।
- सस्ते प्लान: भारतीय टेलीकॉम कंपनियां दुनिया के सबसे किफायती डाटा प्लान देती हैं। यूजर्स को कम दाम में ज्यादा MB/GB मिलने से इस्तेमाल में झिझक नहीं रहती।
- पनपता इकोसिस्टम: स्मार्टफोन निर्माता किफायती 5G हैंडसेट ला रहे हैं, जिससे कस्बों और गांवों के लोग भी तेज नेटवर्क से जुड़ पा रहे हैं।
5G यूजर कहां तक पहुंचेंगे?
रिपोर्ट बताती है कि 2030 तक लगभग 98 करोड़ भारतीय 5G से जुड़ जाएंगे, जो आज की संख्या से तीन गुना है। दूसरी ओर, 4G यूजर 60% घटकर लगभग 23 करोड़ ही रह जाएंगे। यानी 5G का ही दबदबा होगा।
डाटा की भूख क्यों बढ़ रही है?
- Netflix, Amazon Prime, JioCinema जैसे प्लेटफॉर्म पर HD-वीडियो स्ट्रीमिंग आम बात हो गई है।
- PUBG, Free Fire, BGMI, Call of Duty जैसे हाई-ग्राफिक्स गेम्स लगातार डाटा खाते हैं।
- वीडियो मीटिंग, क्लाउड डॉक्युमेंट और भारी फाइल शेयरिंग रोजमर्रा का हिस्सा हैं।
- स्कूल-कॉलेज की क्लास, कोचिंग और ट्यूशन डिजिटल हो रहे हैं।
- Reels, Shorts और 4K-वीडियो अपलोड-डाउनलोड में Gigabytesउड़ जाते हैं।