भारत में सैटेलाइट इंटरनेट को लेकर दुनिया की बड़ी कंपनियों के बीच जंग छिड़ गई है। एलन मस्क ही नहीं, अब जेफ बेजोस भी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के जरिए भारतीय बाजार में उतरना चाहते हैं
Elon Musk VS Jeff Bezos: भारत में सैटेलाइट इंटरनेट को लेकर अब असली मुकाबला शुरू हो चुका है। Elon Musk लंबे समय से भारत में अपनी Starlink सर्विस लॉन्च करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब Amazon के Jeff Bezos भी इस रेस में कूद पड़े हैं। Amazon अपने सैटेलाइट इंटरनेट प्रोजेक्ट Kuiper के जरिए भारत में एंट्री करने की प्लानिंग कर रह है।
सरकार से मांगी इजाजत
Amazon ने भारत सरकार के दूरसंचार विभाग से सैटकॉम परमिट के लिए Letter of Intent जारी करने का अनुरोध किया है। दिलचस्प बात ये है कि Amazon ने ये चिट्ठी उस समय भेजी जब Starlink के लिए LOI जारी करने की प्रक्रिया चल रही थी।
भारत में बनेंगे हब और स्टेशन
Amazon के प्लान के अनुसार, वह भारत के दो बड़े शहरों चेन्नई और मुंबई में 10 ग्राउंड स्टेशन और 2 मेजर हब बनाने की योजना पर काम कर रही है। ये स्टेशन Kuiper प्रोजेक्ट के सैटेलाइट्स से जुड़ने में मदद करेंगे और देशभर में इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाएंगे।
इस साल के अंत तक हो सकती है शुरुआत
कंपनी की कोशिश है कि 2025 के अंत तक भारत में कमर्शियल सर्विस शुरू कर दी जाएगी। Kuiper के जरिए यूजर्स को 100 Mbps से लेकर 1 Gbps तक की इंटरनेट स्पीड मिल सकती है। हालांकि, फिलहाल ये साफ नहीं है कि भारत में कंपनी कितने रुपये में ये सर्विस देगी।
कैसे मिलेगा भारत को फायदा?
सैटेलाइट इंटरनेट एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसमें इंटरनेट की सुविधा सीधे सैटेलाइट के ज़रिए लोगों तक पहुंचाई जाती है। इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये इंटरनेट उन इलाकों में भी पहुंचा सकता है, जहां अभी तक मोबाइल नेटवर्क या ब्रॉडबैंड कनेक्शन नहीं पहुंच पाए हैं जैसे पहाड़ी क्षेत्र, दूरदराज के गांव या सीमावर्ती इलाके।
अब आमने-सामने होंगे Kuiper और Starlink
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट को लेकर अब मुकाबला तेज हो गया है। एलन मस्क की Starlink को पहले ही भारत में काम शुरू करने के लिए अनुमति मिल चुकी है। वहीं, अब अमेजन का प्रोजेक्ट Kuiper भी मंजूरी की लाइन में है। इस मुकाबले का सबसे बड़ा फायदा मिलेगा भारतीय यूजर्स को क्योंकि ज्यादा प्रतिस्पर्धा का मतलब है बेहतर सर्विस और सस्ते इंटरनेट प्लान्स।