क्रिएटर्स के कमाई में आनेवाला जबरदस्त उछाल, जानें कैसे?

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क्रिएटर्स के कमाई में आनेवाला जबरदस्त उछाल, जानें कैसे?
December 10, 2025

Creator Income: डिजिटल दुनिया में Content Creators के लिए एक नया सवेरा होनेवाला है। उन्हें अपने मेहनत का उचित हक मिलने जा रहा है। वे अपने कंटेंट से मालामाल भी हो सकते हैं। अब तक  Artificial Intelligence कंपनियों द्वारा इंटरनेट पर उपलब्ध भारतीय कंटेंट को अपने मॉडल की ट्रेनिंग के लिए बिना किसी भुगतान के इस्तेमाल करती थी। लेकिन जल्द ही यह व्यवस्था बदल सकती है। दरअसल, सरकार के एक उच्चस्तरीय एक सरकारी पैनल ने सुझाव दिया है कि अगर किसी कंटेंट क्रिएटर्स के कंटेट का उपयोग करते हैं तो उसके बदले उन्हें पैसे देने होंगे। निश्चित तौर पर यह कदम कंटेंट बेस्ड इकोनॉमी को बल देगा।

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क्यों उठाया जा रहा है यह डेग

आजकल जितने एआई कंपनियां हैं वे अपने मॉडल को ट्रेनिंग देने के लि लाखों-करोंड़ों लेख, वीडियो, इमेज, ब्लॉग और म्यूजिक का उपयोग करती है। लेकिन इससे वास्तविक क्रिएटर्स को कोई न जानकारी मिलती थी और न ही इसके एवज में कोई भुगतान ही किया जाता था। पैनल ने साफ तौर कहा है कि कंटेंट ही डेटा है और डेटा का मतलब उसकी वैल्यू है। तो फिर इसका हक वास्तविक क्रिएटर्स को क्यों नहीं मिल रहा है। कंपनी द्वारा बिना परमिशन और भुगतान के कंटेंट का उपयोग किया जाना उनके अधिकारों को कमजोर कर रहा है।

भारत अमेरिका से अलग रास्ते पर क्यों?

बता दें कि अमेरिका में एआई मॉडल को पब्लिक डेटा देना फेयर यूज के तहत आता है। मतलब है कि कंपनियों को कोई भुगतान नहीं करना है। लेकिन भारत की डिजिटल नीति अलग दिशा में आग बढ़ रही है। भारत का कहना है कि पब्लिक डेटा का मतलब यह नहीं कि फ्री है। भारतीय क्रिएटर्स की मेहनत पर एआई ट्रेनिंग मुफ्त नहीं चल सकती।

क्रिएटर्स को कैसे मिलेगा फायदा

अगर पैनल का प्रस्ताव मान लिया जाता है तो Blogger’s हो या Youtubers, पत्रकार हो या आर्टिस्ट या फिर Social Media क्रिएटर्स के कंटेंट का इस्तेमाल करने पर पैसे मिलेंगे। साफ है कि अब कमाई कंटेट के वायरल होने से नहीं बल्कि डेटा वैल्यू से भी होगा। जो भारत के लिए एक नई इकोनॉमी की शुरूआत हो सकती है।

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ऑप- ऑउट का झंझट होगा खत्म

अभी तक सिस्टम यह था कि अगर क्रिएटर अपने डेटा को AI Training  से बाहर रखना चाहते हैं तो 30 दिनों में ऑप- ऑउट कर सकते हैं। लेकिन इससे यह ट्रैक कर पाना बड़ा मुश्किल हो रहा था कि कंटेंट किस एआई डेटासेट से गया है। यानी वास्तविक जानकारी मिलना बडा मुश्किल था। पैनल इसे खत्म कर सीधे पैसे या रॉयल्टी सिस्टम लागू करने को कह रही है।

एआई कंपनियों पर पड़ेगा सीधा असर

जाहिर है कि इससे एआई कंपनियों पर सीधा असर पड़ेगा। उन्हें कंटेंट के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। खासकर Google, Open AI और Meta जैसे कंपनियां अधिक प्रभावित होगी। फिलहाल इन कंपनियों ने अभी तक इस प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं दिया है।

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एआई और क्रिएटर इकानॉमी दोनों को सुरक्षा

अगर प्रस्ताव को एआई कंपनियां मंजूर कर लेती है तो इससे न सिर्फ भारतीय क्रिएटर्स को लाभ मिलेगा बल्कि यह धारणा भी सेट करने में सक्षम होगा कि डिजिटल कंटेंट सिर्फ एंगेजमेंट नहीं, एआई ट्रेनिंग पॉवर में भी है। यानी यह दौर क्रिएटर्स के लिए सुनहरा हो सकता है। कम मेहनत में ज्यादा आउटपुट, ज्यादा पहुंच और ज्यादा कमाई करने अवसर हो सकता है।

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