Crypto kidnapping एक गंभीर और उभरता हुआ साइबर क्राइम है। इससे बचाव के लिए सतर्क रहना जरूरी है। आपके पास Cryptocurrency है, तो अपनी जानकारी किसी के साथ साझा न करें
Crypto kidnapping: आजकल तकनीक जितनी तेजी से बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से क्राइम के तरीके भी बढ़ रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक खतरनाक क्राइम की चर्चा हो रही है, जिसका नाम Crypto Kidnapping है। इस क्राइम में अपराधी किसी अमीर या Cryptocurrency रखने वाले व्यक्ति को अगवा कर लेते हैं और फिरौती में Bitcoin या दूसरी Cryptocurrency की मांग करते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि Cryptocurrency को ट्रैक करना।
Crypto kidnapping क्या है?
जब किसी व्यक्ति को अगवा करके बदले में Bitcoin, Ethereum या दूसरे डिजिटल करेंसी की मांग की जाती है, तो उसे Crypto kidnapping कहा जाता है क्योंकि Crypto ट्रांजैक्शन में किसी बैंक की जरूरत नहीं होती और ये अक्सर गुमनाम होते हैं, इसलिए अपराधियों के लिए ये एक सेफ्टी रास्ता बन गया है।
पुलिस कैसे करती है कार्रवाई?
भारत में जब ऐसा कोई मामला सामने आता है, तो पुलिस इसे आम किडनैपिंग की तरह ही लेती है। पकड़े जाने पर अपराधी को 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा अगर आरोपी ने कोई डिजिटल ट्रांजैक्शन किया है, तो उस पर साइबर अपराध और लूटपाट जैसी अतिरिक्त धाराएं भी लगाई जाती हैं।
क्या Bitcoin को ट्रैक किया जा सकता है?
Bitcoin को पूरी तरह गुमनाम नहीं कहा जा सकता। यह एक पब्लिक Blockchain पर आधारित होता है, यानी हर लेनदेन का रिकॉर्ड मौजूद रहता है। हालांकि, इसे समझना और ट्रैक करना आम आदमी के लिए मुश्किल होता है, लेकिन पुलिस की साइबर टीम के पास इसके लिए आधुनिक टूल्स मौजूद हैं।
कौन से टूल्स की मदद लेती है पुलिस?
पुलिस और कानून प्रवर्तन एजेंसियां Chainalysis, Elliptic, और CipherTrace जैसे एडवांस्ड Blockchain फॉरेंसिक टूल्स की मदद लेती हैं। इन टूल्स के जरिए यह पता लगाया जाता है कि किस वॉलेट से Crypto ट्रांजैक्शन किया गया और वह किस एक्सचेंज से जुड़ा है। अगर समय रहते कार्रवाई की जाए, तो यह संभव है कि Bitcoin ट्रांसफर होने से पहले ही उसे फ्रीज कर दिया जाए।
क्या फिरौती में दिए गए Bitcoin रिकवर हो सकते हैं?
तकनीकी रूप से Bitcoin को ट्रैक किया जा सकता है, लेकिन इसकी रिकवरी आसान नहीं होती। अगर अपराधी ने Bitcoin को किसी डार्कनेट वॉलेट या विदेशी एक्सचेंज में भेज दिया हो, तो इसे वापस लाना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, अगर समय रहते पुलिस को सूचना दी जाए, तो एक्सचेंज के साथ मिलकर उस वॉलेट को फ्रीज किया जा सकता है और पैसे की रिकवरी की संभावना बनती है।