Apple ने पेश किया नया iPhone Pocket, डिजाइन किया स्टाइलिश बैग

5 mins read
250 views
November 12, 2025

Apple iPhone Pocket: Apple ने अपने प्रोडक्ट के लिए एक नया और अनोखा एक्सेसरी पेश किया है, जिसे iPhone Pocket कहा जाता है। यह एक सॉक-जैसा iPhone बैग है, जिसे जापानी फैशन डिजाइनर Issey Miyake के साथ मिलकर तैयार किया गया है। इस डिजाइन में Apple की सरल और मिनिमल शैली और Miyake के प्लिटेड टेक्सटाइल डिज़ाइन का संगम देखने को मिलता है।

iPhone Pocket के जरिए Apple फैशन और टेक्नोलॉजी को जोड़े। यह लिमिटेड एडिशन बैग नवंबर 14 से चुनिंदा देशों में उपलब्ध होगा।

कीमत और वेरिएंट्स

iPhone Pocket के दो वेरिएंट उपलब्ध हैं।

  • Short Strap Variant लगभग 12,500 इसे कलाई पर पहन सकते हैं या बैग से जोड़ सकते हैं।
  • Long Strap Variant: लगभग 19,000 इसे क्रॉसबॉडी की तरह स्लिंग बैग की तरह पहन सकते हैं।

दोनों वेरिएंट में 3D-निट, रिब्ड टेक्सचर है जो विभिन्न आइटम्स को सुरक्षित रखने के लिए फैलता है।

रंग और डिजाइन विकल्प

Apple के अनुसार, iPhone Pocket डिजाइन में ‘कपड़े का एक टुकड़ा’  जैसी भावना है, जिससे पॉकेट की परंपरागत परिभाषा को नया रूप दिया गया है।

  • Short Strap मॉडल के रंग नींबू, मंदारिन, बैंगनी, गुलाबी, मोर, नीलमणि, दालचीनी और काला है।
  • Long Strap मॉडल के रंग केवल तीन नीलमणि, दालचीनी, काला है।

Apple का कहना है कि iPhone Pocket सिर्फ iPhone के लिए नहीं है। इसमें AirPods, वॉलेट और अन्य छोटे दैनिक उपयोग के आइटम भी आसानी से रखे जा सकते हैं।

READ MORE: टिम कुक के बाद Apple का नया CEO कौन होगा?

ग्लोबल लॉन्च और उपलब्धता

iPhone Pocket 14 नवंबर से कुछ चुनिंदा Apple रिटेल स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा। इसे निम्न देशों में लॉन्च किया जाएगा। इसमें US, UK, France, Italy, Japan, South Korea, Singapore, Taiwan, Hong Kong और Greater China शामिल है।

Apple ने इस साल पहले ही अपना पहला क्रॉसबॉडी स्ट्रैप लॉन्च किया था। यह नया iPhone Pocket प्रोडक्ट कंपनी के लाइफस्टाइल एक्सेसरीज में विस्तार को दिखाता है।

READ MORE: Apple ने प्राइवेसी उल्लंघन के चलते बैन किए ये दो Apps

क्या भारत में लॉन्च होगा?

अब तक Apple ने भारत में iPhone Pocket लॉन्च करने की कोई घोषणा नहीं की है क्योंकि यह लिमिटेड एडिशन है इसलिए यह मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक ही सीमित रह सकता है। भारतीय फैंस इसे इंपोर्ट करके अपना स्टाइल दिखा सकते हैं।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

OpenAI ने भारत में खोला पहला ऑफिस, दिल्ली बना AI विस्तार का केंद्र

ElevenLabs ने लॉन्च किया Scribe V2, जानें इसके फायदे
Next Story

ElevenLabs ने लॉन्च किया Scribe V2, जानें इसके फायदे

Latest from Tech News

WLFI विवाद में फंसे जस्टिन सन, फ्रीज टोकन से 60 मिलियन डॉलर का नुकसान

WLFI विवाद में फंसे जस्टिन सन, फ्रीज टोकन से 60 मिलियन डॉलर का नुकसान

Justin Sun WLFI: क्रिप्टो इंडस्ट्री के बड़े नाम और TRON के संस्थापक जस्टिन सन एक विवाद में फंसे हुए हैं। यह विवाद World Liberty Financial नाम के DeFi प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसका संबंध अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके परिवार से बताया जाता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिन सन के फ्रीज किए गए WLFI टोकनों की वैल्यू करीब 60 मिलियन डॉलर गिर चुकी है। हैरानी की बात यह है कि WLFI के सबसे बड़े निवेशकों में शामिल होने के बावजूद जस्टिन सन पिछले 3 महीने से ज्यादा समय से ब्लैकलिस्टेड हैं और उनके टोकन अब भी लॉक हैं।  WLFI टोकन फ्रीज होने के बाद जस्टिन सन की मुश्किलें बढ़ गई हैं, जानिए कैसे ट्रंप से जुड़े इस क्रिप्टो प्रोजेक्ट में उनका करोड़ों डॉलर का निवेश फंसा हुआ है।   कैसे हुई विवाद की शुरुआत  यह पूरा मामला सितंबर में WLFI के टोकन जेनरेशन इवेंट के बाद शुरू हुआ है। 2 सितंबर को जस्टिन सन ने बताया था कि उन्होंने 200 मिलियन डॉलर के WLFI टोकन क्लेम किए हैं और उनके पास कुल 600 मिलियन टोकन मौजूद हैं। उस समय ब्लॉकचेन डेटा के अनुसार, उनकी कुल WLFI होल्डिंग्स की कीमत लगभग 900 मिलियन डॉलर थी। उस समय जस्टिन सन ने साफ कहा था कि वह टोकन बेचने वाले नहीं हैं और इस प्रोजेक्ट के लंबे समय तक सपोर्टर बने रहेंगे।’  Justin Sun is still blacklisted by WLFI in 3 months, his locked tokens dropped $60m in
Prompt-Injection

Prompt Injection कैसे बन सकता है यूजर्स के लिए खतरा?

Openai AI Browser Security: AI टेक्नोलॉजी तेजी से हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनती जा रही है। अब ऐसे AI एजेंट्स आ चुके हैं जो इंटरनेट ब्राउज कर सकते हैं, लिंक पर क्लिक कर सकते हैं, स्क्रॉल कर सकते हैं और यूजर की तरफ से काम भी कर सकते हैं। OpenAI का नया सिस्टम ChatGPT Atlas Agent Mode भी ऐसा ही एक ब्राउजर बेस्ड AI है, जो डिजिटल असिस्टेंट की तरह काम करता है, लेकिन इस स्मार्ट तकनीक के पीछे एक गंभीर सुरक्षा चिंता भी छुपी है, जिसे OpenAI ने खुद खुलकर स्वीकार किया है।  AI ब्राउजर एजेंट्स इंटरनेट चलाने में मदद तो करते हैं, लेकिन OpenAI ने खुद इनके सिक्योरिटी जोखिम को लेकर चेतावनी दी है, जानिए Prompt Injection क्या है और यह यूजर्स के लिए क्यों खतरनाक हो सकता है।  सुरक्षित नहीं हैं AI ब्राउजर  OpenAI का कहना है कि चाहे AI कितना भी स्मार्ट क्यों न हो, ऐसे ब्राउजर एजेंट्स को पूरी तरह सुरक्षित बनाना बेहद मुश्किल है। इसकी सबसे बड़ी वजह Prompt Injection Attack है। कंपनी इसे एक लॉन्ग टर्म AI सिक्योरिटी चैलेंज मानती है और यह भी मानती है कि साइबर हमलावर पहले से ही इन AI सिस्टम्स को गुमराह करने के तरीके खोज रहे हैं।  Prompt Injection क्या होता है?  Prompt Injection एक ऐसा तरीका है जिसमें किसी वेबसाइट, ईमेल, PDF, डॉक्युमेंट या कैलेंडर इनवाइट के अंदर छुपे हुए निर्देश डाले जाते हैं। AI इन छुपे मैसेज को असली कमांड समझ लेता है और यूजर के आदेशों को नजरअंदाज करके हमलावर की बात मान लेता है।  इससे कितना बड़ा नुकसान हो सकता है?  OpenAI के मुताबिक, अगर ऐसा हमला सफल हो जाए तो AI एजेंट प्राइवेट ईमेल आगे भेज सकता है, बिना अनुमति पैसे ट्रांसफर कर सकता है, पर्सनल फाइल्स लीक कर सकता है, गलत या अफवाह वाले मैसेज लिख सकता है और ऑफिस के टूल्स का गलत इस्तेमाल कर सकता है जैसे काम कर सकता है।  READ MORE: भारत में ही क्यों Free मिल रहा OpenAI, Google और Perplexity?  इस खतरे से खुद कैसे लड़ रहा है OpenAI?  OpenAI सिर्फ खतरे नहीं बता रहा है। दरअसल, कंपनी ने खुद एक AI रेड टीम अटैकर सिस्टम बनाया है। यह सिस्टम हैकर की तरह सोचता है और बार–बार AI ब्राउजर पर हमला करने की कोशिश करता है। यह अटैकर AI

Don't Miss