Content Removal Policy: भारत सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट हटाने की प्रक्रिया को और ट्रांसफर बनाने के लिए IT नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने साफ कर दिया है कि अब ऐसे आदेश केवल वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ही दिए जा सकेंगे। नया नियम 15 नवंबर से लागू होगा।
भारत में अब सोशल मीडिया से कंटेंट हटाने का आदेश सिर्फ वरिष्ठ अधिकारी देंगे, सरकार का कदम डिजिटल पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में बड़ा बदलाव
अब जूनियर अफसर नहीं दे पाएंगे टेकडाउन ऑर्डर
पहले कंटेंट हटाने के आदेश राज्य या केंद्र सरकार के जूनियर अफसरों द्वारा भी जारी किए जाते थे लेकिन अब MeitY ने यह अधिकार केवल संयुक्त सचिव या उससे ऊपर के अधिकारी को दिया है। अगर किसी विभाग में संयुक्त सचिव मौजूद नहीं हैं तो उनकी जगह डायरेक्टर या समान रैंक के अधिकारी यह जिम्मेदारी निभाएंगे। पुलिस विभाग में यह अधिकार सिर्फ डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल या उससे ऊपर के अधिकारी को दिया गया है।
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जवाबदेही और पारदर्शिता पर जोर
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस बदलाव का उद्देश्य डिजिटल गवर्नेंस को अधिक जिम्मेदार और पारदर्शी बनाना है। अब हर कंटेंट टेकडाउन नोटिस में यह साफ बताया जाएगा कि कौन सा कानून या धारा लागू होती है और किस URL या ऑनलाइन कंटेट को हटाने की मांग की जा रही है।
अगर कोई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इन आदेशों का पालन नहीं करता तो उसे IT एक्ट के तहत मिलने वाली ‘सेफ हार्बर’ सुरक्षा से वंचित किया जा सकता है। यह सुरक्षा प्लेटफॉर्म्स को यूजर्स द्वारा पोस्ट किए गए कंटेंट की कानूनी जिम्मेदारी से बचाती है।
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Deepfake पर भी सख्त नजर
सरकार ने यह भी कहा है कि इन आदेशों की नियमित समीक्षा की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता होम सेक्रेटरी या IT सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी करेंगे। इसके साथ ही MeitY ने Deepfakes जैसी बढ़ती डिजिटल समस्याओं से निपटने के लिए भी नए सुझाव दिए हैं।