इस देश के 𝟖𝟑 फीसदी 𝐆𝐞𝐧𝐙 खुद को मानते हैं कंटेंट क्रिएटर, आखिर क्यों?

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इस देश के 83 फीसदी
November 18, 2025

Youtube study भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल सिर्फ मनोरंजन या जानकारी जुटाने तक सीमित नहीं रह गया है। अब देश के युवा इसे अपनी पहचान और करियर बनाने का सबसे बड़ा मंच मान रहे हैं। यहा मैं नहीं YouTube की India SmithGeiger रिपोर्ट बता रही है। भारत के 18 से 24 वर्ष की उम्र के युवाओं में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। रिपोर्ट के अनुसार 83 प्रतिशत युवा खुद को कंटेंट क्रिएटर मानते हैं और डिजिटल प्लेटफॉर्म को करियर बनाने का गंभीर विकल्प समझते हैं। यह बदलाव इंटरनेट के फैलावस्मार्टफोन की पहुंच और Social Media के तेजी से बढ़ते प्रभाव का नतीजा है। खास बात यह है कि यह क्रिएटिव लहर अब बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहीबल्कि देश के छोटे शहरों से भी हजारों कंटेंट क्रिएटर उभर रहे हैं। 

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डिजिटल दुनिया का नया चेहरा आय़ा सामने इस देश के 83 प्रतिशत यूथ मानते हैं अपनेआपको कंटेंट क्रिएटर, YouTube रिपोर्ट ने खोले हैरान करने वाले आंकड़े

छोटे शहरों का बड़ा कंटेंट का योगदान अहम 

लंबे समय तक माना जाता था कि कंटेंट क्रिएशन की शुरुआत और सफलता मेट्रो सिटी में ही संभव हैलेकिन मौजूदा डेटा इस धारणा को पूरी तरह बदल कर रख दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक टियर 2 और टियर 3 शहरों से आने वाले कंटेंट क्रिएटर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इंटरनेट की सस्ती उपलब्धता और Smartphone की बढ़ती पहुंच ने युवा प्रतिभाओं को नए अवसर दिए हैं। छोटे शहरों से भी क्रिएटर्स अपने स्थानीय भाषा और संस्कृति पर आधारित वीडियो बनाकर विश्वभर के दर्शकों तक पहुंच रहे हैं। क्षेत्रीय कहानी, क्षेत्रीय पहचान वाले कंटेंट की मांग इतनी बढ़ गई है। यह एक नया डिजिटल ट्रेंड बन चुका है। 

कंटेंट क्रिएशन को मान रहे हैं कैरियर का विकल्प  

सिर्फ फेम या फॉलोअर्स के लिए कंटेंट बनाना अब पुरानी बात हो गई है। उभरते नए जेन जेड इस परंपरा को बदलने की ओर कदम बढ़ा चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार 75 प्रतिशत युवा  कंटेंट क्रिएशन को एक गंभीर करियर विकल्प के रूप में देखते हैं। इनके लिए YouTubeInstagram और Shorts जैसे प्लेटफॉर्म आय के स्रोत बन चुके हैं। स्पॉन्सरशिपब्रांड पार्टनरशिप और क्रिएटर फंड जैसे विकल्पों ने युवाओं के लिए नई संभावनाओं के दरवाजे खोल दिए हैं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि 55 प्रतिशत क्रिएटर्स का मानना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना रहे हैं।  

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क्रिएटर्स की पहली पसंद YouTube प्लेटफॉर्म 

जहां Instagram और अन्य प्लेटफॉर्म तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैंवहीं कंटेंट क्रिएटर्स की पहली पसंद अब भी YouTube ही है। रिपोर्ट के अनुसार 90 प्रतिशत से ज्यादा भारतीय GenZ क्रिएटर्स YouTube पर सक्रिय हैं। लगातार बढ़ते रिजनल भाषा, संस्कृति से संबंधित कंटेंट की मांग यूट्यूब बढने लगी है। इससे साफ है कि भारत की भाषाई विविधता अब डिजिटल स्पेस में अपनी ताकत दिखा रही है। 

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