Delhi HC Order: दिल्ली HC ने क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर के नाम, तस्वीर और व्यक्तित्व के अनधिकृत इस्तेमाल को रोकने के लिए अंतरिम आदेश जारी किया है। कोर्ट ने Meta, X Corp और कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को कहा है कि वे ऐसे सभी कंटेंट को हटाएं जो गावस्कर का गलत या फर्जी उपयोग कर रहे हों।
दिल्ली HC ने सुनील गावस्कर के नाम, छवि और व्यक्तित्व का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए सोशल मीडिया और ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को हटाने का आदेश दिया है।
फर्जी उद्धरण और नकली मर्चेंडाइज पर रोक
यह आदेश खास तौर पर उन सोशल मीडिया पोस्ट्स और ऑनलाइन लिस्टिंग्स के लिए है, जिनमें उनके नाम पर फर्जी उद्धरण दिखाए गए हैं या नकली ऑटोग्राफ और मर्चेंडाइज बेचा जा रहा है। गावस्कर भारत के पहले क्रिकेटर हैं जिन्होंने अपने व्यक्तित्व अधिकार की सुरक्षा के लिए यह कानूनी कदम उठाया।
पेशेवर प्रतिष्ठा को खतरा
गावस्कर की टीम ने बताया कि कई पोस्ट्स में उनके नाम पर वर्तमान हेड कोच गौतम गंभीर और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली के बारे में फर्जी आलोचनात्मक टिप्पणियां दी गई हैं। उनके वकील का कहना है कि ये फर्जी उद्धरण उनके क्रिकेट कमेंट्री और ब्रॉडकास्टिंग करियर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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कोर्ट ने प्लेटफॉर्म्स और यूजर्स को किया जिम्मेदार
कोर्ट ने निर्देश दिया है कि उल्लंघन करने वाली URL को 72 घंटे के भीतर हटाया जाए, नहीं तो प्लेटफॉर्म्स खुद कार्रवाई करेंगे। साथ ही, Basic Subscriber Information और IP लॉग मिलने के बाद, गावस्कर की टीम उन यूजर्स को मुकदमे में जोड़ेगी जो इन पोस्ट्स के लिए जिम्मेदार हैं।
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भारत में बढ़ते व्यक्तित्व अधिकार के मामले
यह मामला भारत में बढ़ते हुए सेलिब्रिटी और पब्लिक फिगर के व्यक्तित्व अधिकार से जुड़े मामलों का हिस्सा है। गावस्कर अब उन सितारों में शामिल हो गए हैं। जैसे अमिताभ बच्चन और अनिल कपूर जिन्होंने अदालत के माध्यम से अपने नाम और छवि के अनधिकृत इस्तेमाल को रोका।
