Donald Trump क्यो सताया इस देश का डर, कारण जानकर हो जाएंगे हैरान!

10 mins read
34 views
November 20, 2025

China Vs US AI Race अमेरिका और चीन के बीच Artificial Intelligence यानी एआई को लेकर लंबे समय से प्रतिस्पर्धा जारी है। यह तकनीक आने वाले समय में वैश्विक ताकत और आर्थिक बढ़त का सबसे बड़ा आधार बनने वाली है। यही वजह है हर देश इसको अपनाना चाहता है और इसके जरिए तकनीक के क्षेत्र में सबसे आगे रहता है। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump का बयान इस प्रतिस्पर्धा के दौर में आग में घी डालने का काम कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप को इस बात की चिंता सताने लगी है कहीं एआई तकनीक के मामले में चीन हमसे आगे न निकल जाए। ऐसी आशंकाओं को देखते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने देश के सभी 50 राज्यों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर देश में एआई से जुड़े कानूनों पर तुरंत और एक समान फैसला नहीं हुआ तो चीन अमेरिका को पीछे छोड़ सकता है। ट्रंप का कहना है कि राज्यों के अलग-अलग नियम एआई के विकास की रफ्तार धीमी कर रहे हैं और यह स्थिति भविष्य में बड़े नुकसान का कारण बन सकती है।

आखिर क्यों बढ़ गई है डोनाल्ड ट्रंप की बेचैनी, किस देश से उन्हें एआई रेस में पिछड़ने का सता रहा है डर …जानिए पूरा मामला

अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर सकता है असर

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट Truth पर लिखा कि अमेरिका के कई राज्य एआई के लिए अपनी-अपनी जरूरतों के मुताबिक नियम बना रहे हैं। उनकी नजर में यह स्थिति देश की अर्थव्यवस्था और नवाचार दोनों को धीमा कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका ऐसे ही चलता रहा तो चीन बहुत आसानी से एआई की दौड़ में हमसे आगे निकल जाएगा। ट्रंप इस कोशिश में हैं कि पूरा देश एक ही राष्ट्रीय कानून के तहत काम करे ताकि टेक कंपनियों को स्पष्ट दिशा मिले और वे चीन की तेजी से हो रही प्रगति को चुनौती दे सकें।

एआई बने राष्ट्रीय कानून का हिस्सा

अमेरिका की संसद दिसंबर में रक्षा से जुड़ा एक बड़ा वार्षिक बिल पास करने वाली है। ट्रंप चाहते हैं कि एआई का राष्ट्रीय कानून इसी बिल का हिस्सा बनाया जाए। उनका कहना है कि यह समय की जरूरत है और इससे एआई से जुड़ी कंपनियों को एक समान कानूनी ढांचा मिलेगा। लेकिन इस मांग का विरोध भी कम नहीं है। विरोधी ही नहीं ट्रंप की अपनी रिपब्लिकन पार्टी के कई नेता भी राष्ट्रीय कानून के विचार से असहमत हैं। सीनेटर मार्शा ब्लैकबर्न और जोश हॉली जैसे रिपब्लिकन नेता मानते हैं कि बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा बेहद जरूरी है, इसलिए राज्यों को स्वतंत्र रूप से कानून बनाने का अधिकार दिया जाना चाहिए। बताया जा रहा है इससे पहले भी सीनेटरों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।

READ MORE: फोन चोरी या गुम होने पर, नया फोन दे रहा है यह कंपनी…जानिए तरीके

ट्रंप की पार्टी और राज्यों में असंतोष

बता दें कि अमेरिका के कई राज्यों ने अपने-अपने स्तर पर पहले ही एआई से जुड़े नियम लागू कर दिए हैं। कैलिफोर्निया ने बड़े टेक संस्थानों से अपनी सुरक्षा प्रणाली से जुड़ी विस्तृत जानकारी देने को कहा है। कुछ राज्यों ने बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े प्रावधान जोड़े हैं, तो कुछ ने कॉपीराइट और रोजगार छिनने के खतरे से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए कानून बनाया है। अगर एक राष्ट्रीय कानून लागू हो जाता है, तो इन सभी राज्यों के नियम एक झटके में खत्म हो जाएंगे और इसी बात को लेकर राज्यों में असंतोष है।

READ MORE: 2025 में आपके बेस्ट हैं ये गेम, देखें पूरी लिस्ट

राज्यों के अलग-2 कानून से काम में कठिनाईंयां

वहीं, टेक उद्योग से जुड़े बड़ी-बड़ी कंपनियां और संगठन कहना है कि 50 राज्यों के 50 अलग-अलग कानूनों होने के कारण काम करने में कठिनाई हो रही है। इससे कंपनियां कानूनी उलझनों में समय और संसाधन खर्च कर रही हैं और नए इनोवेशन की गति कम हो रही है। दुनिया की प्रमुख चिप निर्माता कंपनी Nvidia के सीईओ जेन्सन हुआंग ने कहा है कि चीन में एक समान कानून होने के कारण वहां कंपनियां तेजी से नए प्रयोग कर पा रही हैं वहीं कई बड़ी आबादी इससे डरती है।

कुल मिलाकर तस्वीर यह है कि अमेरिका आज दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है। अगर जल्द इन समस्याओं एकजुटता के साथ निर्णय नहीं लिया गया तो आनेवाले दिनों में इसपर गतिरोध और तेज हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

फोन चोरी या गुम होने पर, नया फोन दे रहा है यह कंपनी…जानिए तरीके

इस नए फोन की एंट्री से टेक जगत में मची हलचल, जानिए फीचर्स
Next Story

इस नए फोन की एंट्री से टेक जगत में मची हलचल, जानिए फीचर्स

Latest from News

Don't Miss