सरकार ने कंटेंट क्रिएटर इकोनॉमी के लिए एक फंड बनाने की घोषणा की है। PPPमोड में इस फंड का आकार 1 बिलियन डॉलर होगा।
Government Fund to content creators: देश में कंटेंट क्रिएटर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। लाखों लोग अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए कंटेंट बनाने का काम कर रहे हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने कंटेंट क्रिएटर्स की मदद के लिए अरबों रुपये के फंड की घोषणा की है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार क्रिएटर्स इकॉनमी को सपोर्ट करने के लिए 1 बिलियन डॉलर का फंड बनाएगी। यह फंड पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप मॉडल के तहत काम करेगा, यानी इसमें सरकार और प्राइवेट कंपनियां मिलकर निवेश करेंगी।
क्रिएटर्स को कैसे मिलेगा फंड का फायदा?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह फंड खासतौर पर क्रिएटर्स इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए बनाया जा रहा है। इसका मकसद क्रिएटर्स को आर्थिक मदद देना है, जिससे वह अपनी स्किल्स को और बेहतर बना सकें। इसके अलावा, इस फंड की मदद से क्रिएटर्स अपना प्रोडक्शन लेवल भी बढ़ा पाएंगे और ग्लोबल मार्केट तक अपनी पहुंच बना सकेंगे।
भारत में कंटेंट क्रिएटर्स और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है और यह एक बड़ी इंडस्ट्री के रूप में उभर रही है। इससे भविष्य में नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के सफर में क्रिएटर इकॉनमी एक नई ऊर्जा लाने का काम कर रही है। भारतीय क्रिएटर्स की बदौलत भारत की संस्कृति और पारंपरिक ज्ञान को पूरी दुनिया तक पहुंचाया जा सकता है।
भारत में तेजी से बढ़ रही है क्रिएटर इकॉनमी
एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कंटेंट क्रिएटर्स के लिए अभी सही समय है। करीब 86% क्रिएटर्स का मानना है कि आने वाले दो सालों में उनकी कमाई में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इसके अलावा, शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म्स की वजह से छोटे शहरों में भी कंटेंट की खपत तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि बड़े ब्रांड्स भी इस ओर आकर्षित हो रहे हैं और वह इंफ्लुएंसर्स पर बड़ी रकम खर्च कर रहे हैं। कुल मिलाकर, भारत की क्रिएटर इकॉनमी नई ऊंचाइयों को छू रही है और इसमें आगे भी बेहतरीन ग्रोथ देखने को मिल सकती है।