केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी है कि भारत भी अपना खुद का AI मॉडल विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है।
India Generative AI model: ChatGPT हो या DeepSeek हर कोई बस जेनरेटिव AI के पीछे भाग रहा है। AI की बढ़ती डिमांड को देखते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी ऐलान कर दिया है कि भारत भी अपना जेनरेटिव AI मॉडल लाएगा। भारत एक नया AI मॉडल तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है। अगर भारत का जेनरेटिव AI मॉडल आता है, तो यह DeepSeek और OpenAI द्वारा विकसित ChatGPT के AI मॉडल को कड़ी टक्कर देगा।
सरकार की इस AI पहल को इंडिया AI कंप्यूट फैसिलिटी के द्वारा चलाया जाएगा। इस फैसिलिटी ने देश की जरूरतों और बड़े भाषा मॉडल के विकास के लिए 18000 GPU हासिल किए हैं।
6-8 महीने में लॉन्च होगा मॉडल
केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि भारत में छह ऐसे बड़े डेवलपर्स हैं, जो अधिकतम 6-8 महीने में AI मॉडल बना सकते हैं। मजबूत AI इकोसिस्टम बनाने के लिए एक कॉमन कंप्यूट सुविधा का होना जरूरी है। भारत के AI मिशन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने साझा कंप्यूटिंग संसाधन स्थापित करने को प्राथमिकता दी है। भारत AI कंप्यूट सुविधा उम्मीद से ज्यादा शुरू हो गई है और करीब 19,000 GPU हासिल किए हैं। इनमें से 12,896 Nvidia H100 GPU और 1,480 Nvidia H200 GPU हैं। इनमें से 10,000 GPU अभी यूज के लिए तैयार हैं। यह सुविधा सभी के लिए खुली रहेगी और आने वाले दिनों में काम करना शुरू कर देगी।
केंद्रिय मंत्री ने क्या कहा
ओडिशा में एक कार्यक्रम के दौरान अश्विनी वैष्णव ने विश्व स्तरीय सेमीकंडक्टर और AI इकोसिस्टम विकसित करने की योजना के बारे में बात की है। सरकार AI की दिशा में एक इम्पोर्टेंट कदम उठाने जा रही है। इस काम के लिए रिसर्च में इनवेस्ट किया जा रहा है। इनवेस्ट के पीछे का मकसद विदेशी AI मॉडल पर लोगों की डिपेंडेंट को कम करना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कम से कम 6 डेवलपर्स, स्टार्टअप और टीमें अगले चार से 10 महीनों में इस AI मॉडल को बनाने की दिशा में काम शुरू कर सकती हैं।
AI का लगातार हो रहा विकास
2022 में OpenAI ने ChatGPT लॉन्च किया था, जिसके बाद कई कंपनियां इस दौड़ में शामिल हो गई हैं। अब हाल ही में चीनी कंपनी DeepSeek ने बेहद कम लागत में ऐसा AI मॉडल विकसित किया है, जिसने हर जगह हलचल मचा दी है।