NCRB ने एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान के माध्यम से पहचाने गए अपराधियों की सूची जारी की गई है।
NAFIS Report: आने वाले समय में देश में अपराधियों की शामत आने वाली है। देश में अपराध रोकने के लिए सरकार ने अच्छे अरेंजमेंट किए हैं। हाल ही में, राष्ट्रीय अपराध एवं अभिलेख ब्यूरो ने एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान के जरिए पहचाने जाने वाले अपराधियों की लिस्ट जारी की गई है, जिसके बाद इस टेक्नोलॉजी की काफी चर्चा हो रही है।
राष्ट्रीय अपराध एंव अभिलेख ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 दिसंबर 2023 तक NAFIS में 9,284,811 फिंगरप्रिंट पर्चियां उपलब्ध हैं, जिनमें अपराधियों के बारे में पूरी इन्फॉर्मेशन है। अब पुलिस और संबंधित अधिकारियों के लिए अपराधियों को पकड़ना आसान हो जाएगा। इसका फायदा देश के सभी राज्यों की पुलिस को होगा।
NAFIS की क्या है खूबियां
NAFIS सिस्टम की हेल्प से पुलिस के लिए अपराधियों को पकड़ना आसान हो रहा है। अगर कहीं कोई घटना होती है, तो जांच एजेंसियां वहां से फिंगर प्रिंट इकट्ठा करके अपने डेटाबेस में डाल देती हैं। इसके बाद स्कैन करने पर अगर उस अपराधी का कोई पुराना फिंगर प्रिंट मैच होता है तो उसे तुरंत पकड़ लिया जाएगा।
रियल टाइम डेटा
NAFIS राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को 24X7 आधार पर रियल टाइम में आपराधिक फिंगरप्रिंट डेटा अपलोड करने और उसका पता लगाने में मदद करता है। NAFIS को 1,377 स्थानों पर ऑपरेटिड किया गया है, जिसमें सभी जिले, पुलिस आयुक्तालय, राज्य फिंगरप्रिंट ब्यूरो और NIA, CBI, NCB और IB जैसी सेंट्रल लॉ प्रवर्तन इन्फोर्समेंट शामिल हैं।
कैसी है राज्यों की स्थिती
इस प्रणाली से पकड़े गए अपराधियों में सबसे अधिक संख्या मध्य प्रदेश से थी, जिसमें 2023 में गंभीर चोट, हत्या और बलात्कार के आरोपियों को इस तकनीक के माध्यम से पकड़ा गया। वहीं, पंजाब, महाराष्ट्र और हरियाणा राज्यों में कई मामले सुलझाए गए।