Bitcoin Mining: Bitcoin माइनिंग इंडस्ट्री आज एक मुश्किल दौर से गुजर रही है। MARA Holdings के CEO फ्रेड थील के अनुसार, प्रतियोगिता लगातार बढ़ रही है, बिजली की खपत बढ़ रही है और मुनाफा घट रहा है। उन्होंने कहा कि केवल वही माइनर्स बच पाएंगे जो सस्ते बिजली स्रोत का इस्तेमाल कर रहे हैं या AI और हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं।
Bitcoin माइनिंग में छोटे माइनर्स पर दबाव बढ़ रहा है, भविष्य में सिर्फ स्मार्ट और ऊर्जा-कुशल माइनर्स ही टिक पाएंगे।
माइनिंग क्या है और माइनर्स क्या करते हैं?
Bitcoin माइनिंग वह प्रक्रिया है जिससे नए Bitcoin बनाए जाते हैं और लेनदेन की पुष्टि होती है। माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटरों का इस्तेमाल करके कठिन गणितीय समस्याएं हल करते हैं, जो सबसे पहले समस्या हल करता है, वह लेनदेन के समूह को Blockchain में जोड़ने का हक पाता है और Bitcoin पुरस्कार के रूप में कमाता है। यह प्रक्रिया नेटवर्क को सुरक्षित रखती है और सुनिश्चित करती है कि सभी लेनदेन सही हों।
माइनिंग एक जीरो-सम गेम
थील कहते हैं कि Bitcoin माइनिंग एक जीरो सम गेम है। जितने अधिक लोग माइनिंग में शामिल होंगे, बाकी सभी के लिए कठिनाई बढ़ेगी। मार्जिन घटते हैं और सबसे नीचे की सीमा आपकी ऊर्जा लागत है। उन्होंने बताया कि उद्योग में दो तरह के माइनर्स हैं। जो सस्ते और भरोसेमंद ऊर्जा स्रोत का उपयोग करते हैं या नए बिजनेस मॉडल अपनाते हैं वह जीवित रह पाएंगे। वहीं, छोटे माइनर्स मुश्किल में पड़ सकते हैं। कुछ कंपनियां AI और HPC जैसी नई तकनीकों की ओर बढ़ रही हैं, जबकि बड़े खिलाड़ी कम लागत पर माइनिंग कर बढ़त बना रहे हैं।
थील ने कहा कि हार्डवेयर निर्माता अब खुद माइनिंग ऑपरेशन चला रहे हैं क्योंकि ग्राहक ज्यादा उपकरण नहीं खरीद रहे हैं। वैश्विक हैशरेट लगातार बढ़ रही है, जिससे बाकी माइनर्स के मार्जिन घटते जा रहे हैं।
आने वाला 2028 हैल्विंग और चुनौतियां
Bitcoin हैल्विंग लगभग हर 4 साल में होती है। इस प्रक्रिया में, ब्लॉक जोड़ने पर मिलने वाला Bitcoin पुरस्कार आधा हो जाता है। 2028 में होने वाली अगली हैल्विंग में ब्लॉक रिवॉर्ड लगभग 1.5 BTC रह जाएगा। अगर Bitcoin की कीमत में बड़ा इजाफा नहीं होता या ट्रांजैक्शन फीस नहीं बढ़ती तो माइनिंग का आर्थिक पक्ष कई ऑपरेटरों के लिए कठिन हो जाएगा।
थील कहते हैं कि Bitcoin को इस तरह डिजाइन किया गया है कि धीरे-धीरे ट्रांजैक्शन फीस सब्सिडी की जगह लेगी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ। अगर Bitcoin 50% सालाना बढ़ा नहीं, तो 2028 के बाद माइनिंग के लिए गणित बहुत कठिन हो जाएगा और 2032 में और भी मुश्किलें आएंगी।
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छोटे माइनर्स पर दबाव
छोटे माइनर्स पर दबाव बढ़ रहा है जबकि बड़े खिलाड़ी ऊर्जा स्रोतों और प्राइवेट इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करके अपनी बढ़त बनाए रख रहे हैं। थील कहते हैं कि हमारी रणनीति यह है कि उत्पादन लागत में सबसे नीचे क्वारटाइल में रहें। जब बाजार तंग होगा तो बाकी 75% माइनर्स बंद हो जाएंगे और हम टिकेंगे।
थील का मानना है कि बाजार धीरे-धीरे खुद ब खुद नियंत्रित होगा क्योंकि घाटे में चल रहे माइनर्स बाहर निकल जाएंगे। उन्होंने कहा कि 2028 तक आप या तो पावर जनरेटर होंगे या किसी पावर कंपनी के साथ साझेदारी में होंगे। ग्रिड से सीधे जुड़े माइनर्स का जमाना खत्म होने वाला है।
माइनिंग के फायदे
Bitcoin माइनिंग कठिन लग सकती है लेकिन इसके कई फायदे हैं। माइनर्स लेनदेन की पुष्टि करते हैं और उन्हें Blockchain में जोड़ते हैं, जिससे नेटवर्क सुरक्षित रहता है। इसके बदले में उन्हें Bitcoin और ट्रांजैक्शन फीस मिलती है।
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माइनिंग तकनीक को भी आगे बढ़ाती है। कंपनियां तेज और ऊर्जा-कुशल कंप्यूटर विकसित कर पाती हैं। भविष्य में वही माइनर्स सफल होंगे जो ऊर्जा बचाएंगे और नई तकनीक अपनाएंगे। वहीं, छोटे माइनर्स जो सिर्फ सामान्य बिजली का इस्तेमाल करते हैं, उनके लिए 2028 की हैल्विंग के बाद मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
