Citi Crypto Custody: अमेरिकी बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक Citi Bank जल्द ही डिजिटल एसेट्स के क्षेत्र में कदम रखने जा रहा है। बैंक 2026 तक क्रिप्टो प्रोडक्ट्स के लिए सर्विसेज लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जिसमें स्टेबलकॉइन्स और क्रिप्टो एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) शामिल हैं।
2026 में Citi Bank पेश करेगा क्रिप्टो सर्विसेज। स्टेबलकॉइन्स, डिजिटल ETFs और तेज क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट के लिए नया प्लेटफॉर्म लाएगा आसान समाधान।
संस्थागत डिजिटल एसेट्स पर फोकस
Citi Group के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैंक का मुख्य उद्देश्य उन एसेट्स के लिए कस्टडी सर्विसेज प्रदान करना है, जो स्टेबलकॉइन्स का बैकअप करते हैं। इसके अलावा, बैंक क्रिप्टो ETFs के अंडरलाइंग डिजिटल एसेट्स की सुरक्षित कस्टडी पर भी विचार कर रहा है। यह कदम खासकर स्पॉट बिटकॉइन ETFs की बढ़ती लोकप्रियता के बाद महत्वपूर्ण हो गया है, जिनमें अरबों डॉलर के डिजिटल एसेट्स का सुरक्षित प्रबंधन आवश्यक है।
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मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल
Citi का CIDAP टोकनाइज्ड एसेट्स के इश्यू, ट्रांसफर, कस्टडी और प्रोग्रामेबिलिटी को पब्लिक और प्राइवेट ब्लॉकचेन पर सक्षम बनाता है। बैंक इन सेवाओं को अपने ट्रीज़री और कैश मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ रहा है, ताकि इंस्टेंट पेमेंट सॉल्यूशंस मिल सकें। Citi इस नेटवर्क का उपयोग न्यूयॉर्क, लंदन और हॉन्ग कॉन्ग जैसे प्रमुख वित्तीय केंद्रों के बीच 24/7 टोकनाइज्ड अमेरिकी डॉलर ट्रांसफर के लिए कर रहा है। इसका लक्ष्य है कि क्लाइंट स्टेबलकॉइन्स को डॉलर में बदलकर तेज़ और सस्ते क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट कर सकें।
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डिजिटल कस्टडी की रेस
Citi के पास लगभग 25 ट्रिलियन डॉलर एसेट्स अंडर कस्टडी हैं। SEC के SAB 121 अकाउंटिंग नियम के रद्द होने के बाद यह कदम आया है, जो अमेरिकी बैंकों को डिजिटल एसेट कस्टडी में बाधित कर रहा था। 2026 में लॉन्च करके सिटी क्रिप्टो-नेटीव फर्म्स जैसे Coinbase के क्षेत्र में अपनी जगह बनाने की कोशिश करेगा। Citi के हेड ऑफ कस्टडी अमित अग्रवाल ने कहा कि पोस्ट-ट्रेड का भविष्य इंस्टेंट है और बैंक पारंपरिक और डिजिटल एसेट्स के सम्मिलन के लिए अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बना रहा है।