AI Coding Warning: Anthropic के Claude Code के इंजीनियर बोरिस चेर्नी ने चेतावनी दी है कि AI सहायता वाली vibe coding सिर्फ प्रोटोटाइप बनाने के लिए सही है, लेकिन उत्पादन के लिए तैयार कोड के लिए भरोसेमंद नहीं। उन्होंने कहा कि यह तरीका हर समय इस्तेमाल करने के लिए सही नहीं है।
AI वाइब कोडिंग प्रोटोटाइप बनाने में मदद करती है, लेकिन उत्पादन कोड के लिए भरोसेमंद नहीं। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार इंसानी निगरानी और अनुभव अभी भी अनिवार्य है।
बड़ी कंपनियों में AI कोडिंग की बढ़ती हिस्सेदारी
Google और Microsoft जैसी टेक कंपनियों ने अपनी कोडिंग में AI की हिस्सेदारी बढ़ने की जानकारी दी है। Google के CEO सुंदर पिचाई ने कहा है कि अब Google में 25% नया कोड AI लिखता है, जबकि 2024 में भी यही आंकड़ा था। Microsoft के CEO सत्य नडेला ने बताया कि Microsoft का लगभग 30% कोड AI से तैयार होता है।
प्रोडक्शन कोड में चुनौती
चेर्नी का कहना है कि मानव निगरानी जरूरी है। कभी-कभी आपको मेंटेनेबल और सोच-समझकर लिखा गया कोड चाहिए। AI केवल सुझाव दे सकता है, लेकिन अंतिम कंट्रोल इंसान के पास होना चाहिए। चेर्नी अपने काम में AI का इस्तेमाल कोड का प्लान बनाने, सुधारने या साफ करने के लिए करते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सों का कोड वह खुद लिखते हैं। उनका कहना है कि वाइब कोडिंग सिर्फ थ्रोअवे प्रोटोटाइप में ठीक है, गंभीर और जटिल प्रोजेक्ट्स के लिए भरोसेमंद नहीं।
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AI कोडिंग की वर्तमान स्थिति
चेर्नी ने माना कि AI कोडिंग में सुधार हुआ है, लेकिन यह अभी भी पूर्ण रूप से सही नहीं है। AI मॉडल में अभी भी गलतियां, लंबा और जटिल कोड और संरचना में कमी हो सकती है।
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उद्योग विशेषज्ञों की राय
Google के पिचाई ने कहा कि बड़े कोडबेस पर AI का भरोसा नहीं किया जा सकता। Zoho के संस्थापक Sridhar Vembu ने कहा कि कोडिंग एक गहरी कला है और इसे सिर्फ नेचुरल-लैंग्वेज प्रॉम्प्ट्स पर नहीं छोड़ा जा सकता।
