AQI: प्रदूषण के प्रभाव से राजधानी दिल्ली ही नहीं देश के कई हिस्से काफी प्रभावित है। बढ़ते प्रदूषण ने लोगों को जीना मुश्किल कर दिया है। लेकिन देश कई ऐसे हिस्से हैं जहां का वास्तविक AQI लेबल का पता नहीं चल पाता है। हालांकि, Air Quality Index की जानकारी देने के लिए देश कई राज्यों में केंन्द्र स्थापित किए गए हैं। बावजूद सटीकता में विरोधास दिख जाती है। इसी को देखते हुए Brihanmumbai Municipal Corporation एक ऐसा एआई सिस्टम लाने जा रही है जो प्रदूषण का सटीक जानकारी देगा। ऐसा नहीं है कि मुंबई में AQI बताने के लिए पहले से कोई केंद्र नहीं है। मुंबई में 28 स्टेशन तो ऑलरेडी काम कर रहा है।
अब इस शहर की हवा होगी और सुरक्षित। जानें कैसे AI सेंसरों से लैस MANAS सिस्टम प्रदूषण की पहचान कर तुरंत अलर्ट और एक्शन में मदद करेगा।
किसने तैयार किया AQI बताने वाला एआई सिस्टम
यह सिस्टम IIT Kanpur के साथ मिलकर बनाया जा रहा है। इस सिस्टम का नाम मुंबई एयर नेटवर्क फॉर एडवांस्ड साइंसेज यानी MANAS रखा गया है। जो केंद्र सरकार के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड CPCB के सिस्टम के साथ मिलकर काम करेगी ही। साथ ही, अलग से अपना काम करेगी। इससे प्राप्त होनेवाली सारी जानकारी BMC के पोर्टल पर भी देखी जा सकती है। इसके अलावे, आम लोग भी अपने मोबाइल या कंप्यूटर के जरिए देख सकते हैं।
AI सिस्टम की खास बात क्या है?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शहर में लगे बड़े-बड़े स्टेशन तो अपने आसपास के इलाकों का AQI औसतन रिपोर्ट या कहीं उससे थोड़ा अधिक बता भी देते हैं। लेकिन कस्बाई इलाकों में अचानक से बढ़नेवाले प्रदूषण को समझ नहीं पाते हैं। जिसके वजह से AQI की सटीक जानकारी लोगों को नहीं मिल पाती है। दावा किया जा रहा है इस Artificial Intelligence सिस्टम के आ जाने से छोटे से छोटे गली-मुहल्ले में फैले प्रदूषण के स्थिति का सही आंकलन हो सकता है।
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इस नए AI सिस्टम में 75 सेंसर लगे होंगे
इस नए AI सिस्टम में 75 छोटे और सस्ते सेंसर लगाए जाएंगे। जिसके बदौलत प्रदूषण की सटीक जानकारी मिल पाएगी। यह सारा रिपोर्ट AI सेंसर से आनेवाले आंकड़ों को देखकर बताएगाष। कोई ऐसा इलाका नहीं होगा जिसके गली-मुहल्ले की सटीक प्रदूषण रिपोर्ट न मिले। अगर यह प्रयास सफल रहा तो मुंबई के लोगों को काफी राहत मिलेगा। वे प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए घर बाहर निकल पाएंगे। इससे लोगों के स्वास्थ की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो पाएगी।
BMC को कार्य करने में होग आसानी
सबसे खास बात यह है कि इस सिस्टम में AI का इस्तेमाल होगा। AI सेंसर से आने वाले आंकड़ों को देखकर समझ जाएगा कि प्रदूषण किस वजह से बढ़ रहा है। जैसे- कंस्ट्रक्शन का काम, ट्रैफिक जाम, फैक्ट्री का धुआं या मौसम का बदलाव। इससे BMC को पता चल जाएगा कि कहां सबसे ज्यादा ध्यान देना है और वहां जल्दी कार्रवाई कर सकेगी।
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क्या कहते हैं BMC के अधिकारी
वहीं, BMC के अधिकारी का कहना है कि यह एआई आधारित Sensor पहले कुछ चुनिंदा जगहों पर लगाए जाएंगे। इसपर अभी काम चल रहा है। अगले 5-6 महीने में सारी तैयारियां पूर कर ली जाएगी। बताया कि पहले चुने हुए इलाकों में सेंसर लगाए जाएंगे। अगले छह महीने में सारी तैयारी पूरी हो जाएगी। फिर नए- पुराने सेसरो के आंकडो की तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। उम्मीद है कि इसका लाभ मुंबईवासियो को अगले साल के मध्य तक मिलने लगेगा। सभी लोग अपने गली- मुहल्ले में फैली हुई प्रदूषण की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
