Meta ने अपनी AI टीम को 4 हिस्सों में बांटा है ताकि सुपरइंटेलिजेंस पर तेजी से काम हो सके। जानिए नई संरचना और कंपनी की बड़ी योजना।
Meta AI group: सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी Meta Platforms Inc. ने अपने AI डिपार्टमेंट में बड़ा बदलाव किया है। कंपनी ने हाल ही में बनी अपनी AI यूनिट Meta Superintelligence Labs (MSL) को अब चार नई टीमों में बांट दिया है।
कंपनी का मानना है कि इस बदलाव से उसकी AI रिसर्च और प्रोडक्ट डेवलपमेंट की रफ्तार और तेज होगी। Meta का बड़ा लक्ष्य है ऐसी AI बनाना जो इंसानों से भी बेहतर काम कर सके जिसे सुपरइंटेलिजेंस कहा जाता है।
बदलाव की वजह क्या है?
यह फैसला Meta के नए चीफ AI ऑफिसर Alexandr Wang ने लिया है। वह पहले Scale AI के CEO रह चुके हैं। वांग ने कर्मचारियों को भेजे मेमो में लिखा है कि सुपरइंटेलिजेंस आने वाला है। अगर हमें इसे सच करना है तो अपनी टीमों को रिसर्च, प्रोडक्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे अहम हिस्सों पर फोकस करना होगा।
Meta की नई 4 AI टीमें
- TBD Lab: इसको खुद Alexandr Wang लीड करेंगे। यह टीम Meta के बड़े लैंग्वेज मॉडल्स पर काम करेगी। यही मॉडल Meta के AI असिस्टेंट का आधार हैं।
- FAIR (Fundamental AI Research): यह Meta की पुरानी टीम है जो पिछले 10 साल से रिसर्च कर रही है। इसका फोकस लंबी अवधि की नई AI टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर रहेगा।
- Products and Applied Research: इस टीम को Nat Friedman लीड करेंगे। इनका काम होगा AI रिसर्च को सीधे ऐसे प्रोडक्ट्स में बदलना जिन्हें आम लोग इस्तेमाल कर सकें।
- MSL Infra: यह टीम उन बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और सर्वर पर ध्यान देगी जिनकी जरूरत AI मॉडल्स को चलाने और ट्रेन करने के लिए होती है।
कर्मचारियों पर असर
- कंपनी ने साफ कर दिया है कि इस बदलाव में किसी भी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी, बल्कि पुरानी टीमों को नई स्ट्रक्चर में समाहित किया गया है।
- AGI Foundations टीम को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। इसके नेता Ahmad Al-Dahle और Amir Frenkel अब नई MSL में स्ट्रैटेजिक प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे।
- AI Products Group के पूर्व हेड Connor Hayes को पहले ही Threads की जिम्मेदारी दी जा चुकी है।
- Aparna Ramani अब MSL Infra टीम को लीड करेंगी।
- Robert Fergus, जिन्होंने 2014 में FAIR की स्थापना की थी अब फिर से FAIR टीम के हेड बने हैं। वह कुछ समय Alphabet की DeepMind में काम करने के बाद मेटा से दोबारा जुड़े हैं।
Meta का बड़ा सपना?
Mark Zuckerberg पहले ही कह चुके हैं कि कंपनी का मकसद है सुपरइंटेलिजेंस बनाना। इसके लिए कंपनी सैकड़ों अरब डॉलर इंफ्रास्ट्रक्चर और टॉप टैलेंट पर खर्च करने की तैयारी में है। पिछले कुछ महीनों में Meta ने कई बड़ी कंपनियों से बेहतरीन AI रिसर्चर्स को हायर किया है। इनकी सैलरी और पैकेज सैकड़ों मिलियन डॉलर तक के बताए जाते हैं।
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चुनौती क्यों है?
Meta के सामने सबसे बड़ी चुनौती है OpenAI और Google जैसी कंपनियां जो पहले ही AI की दुनिया में काफी आगे निकल चुकी हैं। पिछले कुछ सालों में Meta की AI टीम में लगातार लीडरशिप में बदलाव हुए हैं। कई बड़े अधिकारी कंपनी छोड़ चुके हैं। यही वजह है कि अब Meta अपनी टीम को मजबूत और स्थिर बनाने की कोशिश कर रहा है।