AI Governance India: AI तेजी से हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। ऐसे में इसका सही और सुरक्षित इस्तेमाल बेहद जरूरी है। इसी उद्देश्य से ग्लोबल लेवल पर AI के लिए Ethical फ्रेमवर्क तैयार किए जा रहे हैं। उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे ने बताया कि इस प्रक्रिया में भारतीय विशेषज्ञ भी अंतरराष्ट्रीय समितियों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
AI के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए दुनियाभर में Ethical फ्रेमवर्क तैयार हो रहे हैं। भारतीय विशेषज्ञ भी इसमें सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
खरे ने कहा कि जैसे ही अंतरराष्ट्रीय मानक तय होंगे भारत समेत सभी देश उन्हें अपनाएंगे। वर्तमान में 39 ग्लोबल AI स्टैंडर्ड्स लागू हैं और 45 नए मानक विकास के दौर में हैं। हाल ही में इंटरनेशनल इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (IEC) की बैठक में AI के जिम्मेदार, समावेशी और नैतिक उपयोग पर विस्तृत चर्चा हुई।
Ethical उपयोग पर वैश्विक बहस
खरे ने बताया कि बड़ी बहस इस बात पर है कि किसे Ethical और किसे अनैतिक AI कहा जाए। क्या सुरक्षित है और क्या नहीं यह तय करना सबसे बड़ी चुनौती है। इस चर्चा में भारतीय एक्सपर्ट अहम योगदान दे रहे हैं और वैश्विक मानकों को दिशा देने में नेतृत्व कर रहे हैं।
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सरकार बनाएगी कानूनी ढांचा
खरे ने साफ कहा कि जैसे-जैसे मानक तय होंगे सरकारें कानूनी ढांचे तैयार करेंगी ताकि उपभोक्ताओं को AI के गलत इस्तेमाल से बचाया जा सके। उन्होंने चिंता जताई है कि AI का दुरुपयोग आजकल प्रोपेगेंडा और भ्रामक प्रचार फैलाने में हो रहा है जो किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि AI आज की दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। कई बार यह इंसानी सोच और सहजज्ञान से भी आगे निकल जाता है।”
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सकारात्मक योगदान
हालांकि, चुनौतियों के बीच खरे ने AI के सकारात्मक पहलुओं पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया, क्रिएटिव प्लेटफॉर्म और इनोवेशन इसी तकनीक पर बेस्ड हैं। रीटेल और ई-कॉमर्स में यह धोखाधड़ी और नकली उत्पादों से लड़ने का मजबूत हथियार साबित हो सकता है।