Sam Altman AI warning: Artificial Intelligence को भविष्य की सबसे बड़ी तकनीकी क्रांति माना जा रहा है, लेकिन अब इसी तकनीक को लेकर खुद OpenAI के CEO Sam Altman भी सतर्क होते जा रहे हैं। उनका मानना है कि AI जितना ताकतवर बनता जा रहा है, उतना ही उसके गलत इस्तेमाल का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। इसी चिंता के चलते OpenAI ने सुरक्षा से जुड़ा एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने सैम ऑल्टमैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जानकारी दी कि OpenAI एक नया पद बना रहा है Head of Preparedness। यह भूमिका खास तौर पर भविष्य में AI से पैदा होने वाले गंभीर खतरों की पहचान और उनसे निपटने के लिए होगी। इस पद के लिए कंपनी 5.55 लाख डॉलर सालाना वेतन के साथ इक्विटी भी ऑफर कर रही है। इससे साफ है कि OpenAI इस जिम्मेदारी को कितनी गंभीरता से ले रहा है।
AI अब वरदान या खतरा? OpenAI CEO सैम ऑल्टमैन ने खुद माना कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का गलत इस्तेमाल बड़ी चुनौती बन सकता है। जानिए पूरी वजह।
2026 तक बढ़ सकते हैं खतरे
OpenAI का आकलन है कि आने वाले एक-दो वर्षों में, खासकर 2026 तक। AI से जुड़े सुरक्षा खतरे और ज्यादा जटिल हो सकते हैं। कंपनी को विशेष तौर पर चिंता AI एजेंट्स और प्रॉम्प्ट इंजेक्शन जैसी तकनीकों को लेकर है। ये ऐसे क्षेत्र हैं, जहां AI का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर किया जा सकता है। सैम ऑल्टमैन के मुताबिक, AI मॉडल अब केवल सवाल-जवाब तक सीमित नहीं रहे। वे अब जटिल काम, कोडिंग और सिस्टम एनालिसिस में भी बेहद सक्षम हो चुके हैं। लेकिन यही क्षमता उन्हें कंप्यूटर सिक्योरिटी में गंभीर खामियां खोजने लायक भी बना रही है। ऑल्टमैन का कहना है कि AI की ताकत को सही दिशा में इस्तेमाल करना अब सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
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मेंटल हेल्थ भी बन रही बड़ी चिंता
AI के बढ़ते प्रभाव का असर सिर्फ तकनीकी दुनिया तक सीमित नहीं है। यह अब मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर छोड़ने लगा है। OpenAI ने यह भी स्वीकार किया है कि AI मॉडल्स का इंसानों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है। 2025 के दौरान कंपनी ने इसके शुरुआती संकेत देखे थे, जिसने उन्हें और ज्यादा सतर्क कर दिया।
प्रॉम्प्ट इंजेक्शन क्या है और क्यों खतरनाक है?
प्रॉम्प्ट इंजेक्शन एक ऐसी तकनीक है, जिसमें साइबर अपराधी AI को गलत या चालाकी भरे निर्देश देकर उससे मनचाहा और काम करवा सकते हैं। इससे AI सिस्टम की सुरक्षा पूरी तरह खतरे में पड़ सकती है। यही वजह है कि OpenAI इसे भविष्य के सबसे बड़े खतरे के रूप में देख रहा है।
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AI से हो रहे साइबर हमले
कुछ दिन पहले आई एक रिपोर्ट्स बताती हैं कि AI का इस्तेमाल अब साइबर अटैक्स में भी तेजी से बढ़ रहा है। पिछले महीने ही AI कंपनी Anthropic ने खुलासा किया था कि उनके क्लाउड आधारित टूल्स का इस्तेमाल कर हैकर्स ने करीब 30 वैश्विक संगठनों को निशाना बनाया। इनमें टेक कंपनियां, बैंकिंग सेक्टर और सरकारी संस्थान तक शामिल थे। जो यह साबित करने के लिए काफी है कि एआई साइबर अपराधियों के लिए भी एक बहुत बड़ा हथियार बनता जा रहा है।
ChatGPT पर चल रहे कानूनी मामले
AI से जुड़ी चिंताओं की एक बड़ी वजह ChatGPT पर चल रहे मुकदमे भी हैं। सैम ऑल्टमैन के अनुसार कुछ हाई-प्रोफाइल मामलों में आरोप लगाया गया है कि ChatGPT ने किशोरों की मानसिक स्थिति को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। वहीं, कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि AI चैटबॉट्स यूजर्स को भ्रमित कर सकते हैं। इन सब वजहों से OpenAI अब पहले से ज्यादा सतर्क हो गया है। और इससे निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है।
कुल मिलाकर OpenAI एआई को सुरक्षित और जिम्मेदार तरीके से इस्तेमाल योग्य बनाने पर भी फोकस कर रही है। AI भविष्य है, लेकिन अगर इसे समय रहते कंट्रोल नहीं किया गया तो यही तकनीक बड़ा खतरा भी बन सकती है।
