HTC ने अपनी XR हेडसेट तकनीक को Google को देने का फैसला किया है। कंपनी ने पुष्टि की है कि वह इस तकनीक को Google को नॉन-एक्सक्लूसिव लाइसेंस के तौर पर देगी।
XR Headset: HTC ने Google के साथ एक नई डील की है, जिसमें XR हेडसेट यूनिट को बेचने का फैसला किया है। Google और HTC के बीच हुई इस डील का असर Apple के बाजार पर भी पड़ सकता है। Google ने इस डील के लिए करीब 2,156 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिसकी जानकारी ताइवानी टेक कंपनी ने 23 जनवरी को दी है। HTC के मुताबिक, Google के साथ यह डील जल्दी ही पूरी हो जाएगी। यह पहली बार नहीं है जब ताइवानी कंपनी ने Google के साथ कोई बड़ी डील की हो। इससे पहले 2017 में HTC ने अपना स्मार्टफोन ऑपरेशन Google को बेचा था।
2017 में हुई थी डील
2017 में HTC ने Google के साथ 1 बिलियन डॉलर की बड़ी डील की थी। इस डील में कंपनी ने अपने स्मार्टफोन यूनिट का संचालन Google को बेचने का फैसला किया था। बता दें कि 2010 में HTC अपने टचस्क्रीन स्मार्टफोन के लिए दुनियाभर में काफी फेमस थी। उस समय Nokia और Blackberry की तरह HTC को भी चीनी कंपनियों के आने से भारी नुकसान हुआ था, जिसके बाद HTC ने अपना स्मार्टफोन संचालन Google को बेच दिया।
Android XR मार्केट
Google ने अपने बयान में कहा है कि यह डील Android XR प्लेटफॉर्म के विकास में काम आएगी। कंपनी अपने हेडसेट और स्मार्ट ग्लास के इकोसिस्टम को मजबूत करने में लगी हुई है। वहीं, HTC के वाइस प्रेसिडेंट Lu Chia-te ने कहा है कि कंपनी ने अपने बौद्धिक संपदा अधिकार Google को देने का फैसला किया है। यह एक नॉन-एक्सक्लूसिव लाइसेंस की तरह होगा। यह बायआउट और एक्सक्लूसिव लाइसेंस नहीं है। HTC भविष्य में इसका इस्तेमाल कर सकता है।
Apple और Meta का दबदबा
Apple और Meta के वर्चुअल रियलिटी हेडसेट काफी पॉपुलर हैं। IDC की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 के मुकाबले 2024 में Apple Vision Pro का मार्केट शेयर बढ़ने की उम्मीद है। फिलहाल, Apple 55.2 फीसदी मार्केट शेयर के साथ छाई हुई है। हालांकि, Meta Quest 3 भी इस रेस में उतरकर Apple को कड़ी चुनौती दे रहा है। Google के मार्केट में आने के बाद यह मुकाबला और दिलचस्प हो सकता है।