न्यायाधिकरण ने कहा कि WhatsApp को पिछले अविश्वास आदेश के अनुसार यूजर्स को 2021 गोपनीयता नीति अपडेट से ऑप्ट-आउट विकल्प भी प्रदान करना होगा।
WhatsApp New Data Policy: NCLAT ने WhatsApp के पक्ष में अपना अहम फैसला सुनाया है। NCLAT ने WhatsApp पर दूसरे Meta प्लेटफॉर्म के साथ डेटा शेयर करने पर लगाई रोक को अस्थायी तौर पर हटा दिया है। NCLAT के इस फैसले का असर WhatsApp के 58 करोड़ यूजर्स पर पड़ेगा। याद हो कि WhatsApp अपनी पैरेंट कंपनी Meta और उसके दूसरे प्लेटफॉर्म के साथ डेटा शेयरिंग की पॉलिसी को 2021 में भारत में लागू करना चाहता था, जिस पर CCI के दखल के बाद NCLAT ने अब इस पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी थी।
देश के यूजर्स को असर पड़ेगा
CCI ने WhatsApp यूजर्स के डेटा और प्राइवेसी कानूनों के दुरुपयोग का हवाला देते हुए इस फैसले पर रोक लगाने के लिए NCLAT में अपील दायर की थी। इस अपील के बाद WhatsApp की नई पॉलिसी पर पांच साल के लिए अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई थी। WhatsApp की नई डेटा शेयरिंग पॉलिसी को NCLAT से हरी झंडी मिलने के बाद WhatsApp अपने यूजर्स के डेटा को Meta के दूसरे प्लेटफॉर्म के साथ शेयर कर सकेगा।
क्या है WhatsApp की नई डेटा शेयरिंग
Meta ने CCI के 2024 के निर्देश को चुनौती दी है, जो इसे अपने अन्य प्लेटफॉर्म के साथ यूजर्स के डेटा को शेयर करने से रोकता है। Meta ने अपनी अपील में कहा था कि बैन के कारण WhatsApp भारत में कुछ सुविधाओं को वापस ले सकता है या रोक सकता है। न्यायाधिकरण ने बताया कि बैन भारत में WhatsApp के व्यापार मॉडल को गंभीर रूप से बाधित कर सकता है।
यूजर्स को देना होगा ऑप्शन
Meta के प्रवक्ता ने इस मामले में कहा है कि वह आगे के कदमों का आकलन करेंगे। अपने फैसले में न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि WhatsApp को पिछले एंटीट्रस्ट आदेश के अनुसार यूजर्स को 2021 गोपनीयता नीति अपडेट से opt-out करने का विकल्प प्रदान करना चाहिए।