Nanometre Technology: ताइवान की दिग्गज सेमीकंडक्टर कंपनी TSMC इस साल के अंत तक 2-नैनोमीटर चिप्स का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करने जा रही है। यह सिर्फ टेक इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर स्मार्टफोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमोबाइल और यहां तक कि वैश्विक राजनीति पर भी पड़ने वाला है।
TSMC के 2-नैनोमीटर चिप्स क्या हैं और क्यों हैं खास? जानिए ये नई तकनीक AI, स्मार्टफोन, डेटा सेंटर और भविष्य की डिजिटल दुनिया को कैसे बदलने वाली है।
2-नैनोमीटर चिप्स आखिर करते क्या हैं?
पिछले कई सालों में कंप्यूटर चिप्स लगातार ज्यादा ताकतवर होती गई हैं। इसका कारण है कि कंपनियां चिप्स के अंदर बेहद छोटे-छोटे इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स, जिन्हें ट्रांजिस्टर कहा जाता है, ज्यादा से ज्यादा संख्या में फिट कर रही हैं।
2nm चिप्स पुराने चिप्स की तुलना में तेज, ज्यादा शक्तिशाली और कम बिजली खपत करने वाले होते हैं। इनका डिजाइन ऐसा है कि इनमें पहले से कहीं ज्यादा ट्रांजिस्टर लगाए जा सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, इससे लैपटॉप की स्पीड बढ़ेगी, डेटा सेंटर्स की बिजली खपत कम होगी और सेल्फ ड्राइविंग कारें आसपास की चीजों को ज्यादा तेजी से पहचान सकेंगी।
AI के मामले में भी इसका बड़ा फायदा है। ING बैंक के रणनीतिकार यान फ्रेडरिक स्लिकरमैन कहते हैं कि 2nm चिप्स से मोबाइल और लैपटॉप में ऑन-डिवाइस AI तेज होगा, वहीं डेटा सेंटर्स बड़े AI मॉडल को ज्यादा कुशलता से चला पाएंगे।
इतनी एडवांस चिप्स कौन बना सकता है?
2nm चिप्स बनाना बेहद मुश्किल और महंगा काम है। इसके लिए अत्याधुनिक लिथोग्राफी मशीनें, गहरी तकनीकी समझ और अरबों डॉलर के निवेश की जरूरत होती है। इस समय दुनिया में केवल कुछ ही कंपनियां ऐसा कर सकती हैं। इनमें TSMC, Samsung और Intel शामिल है। इनमें भी TSMC सबसे आगे मानी जाती है। Samsung और Intel अभी उत्पादन की गुणवत्ता सुधारने के दौर में हैं और उनके पास बड़े पैमाने के ग्राहक कम हैं। इसके अलावा, जापान की कंपनी Rapidus भी 2nm चिप्स के लिए फैक्ट्री बना रही है, जहां 2027 तक बड़े स्तर पर उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।
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राजनीति और भू-राजनीति का असर
2nm चिप्स सिर्फ टेक्नोलॉजी का मामला नहीं हैं, बल्कि इनमें राजनीति भी जुड़ी है। अगस्त में ताइवान के अभियोजकों ने 2nm तकनीक से जुड़े ट्रेड सीक्रेट चोरी के आरोप में तीन लोगों पर केस दर्ज किया। इसे ताइवान की राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा से जुड़ा अहम मामला बताया गया।
इसके साथ ही अमेरिका चीन ट्रेड वॉर का असर भी दिख रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, TSMC अपने 2nm प्रोडक्शन में चीनी चिप मेकिंग उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करेगा, ताकि भविष्य में अमेरिकी पाबंदियों से बचा जा सके। TSMC अमेरिका में भी 2nm चिप्स के उत्पादन को तेज करना चाहता है, जिसे दशक के अंत तक शुरू किया जाना है।
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2-नैनोमीटर कितना छोटा होता है?
समझने के लिए, एक एटम लगभग 0.1 नैनोमीटर का होता है। हालांकि, 2nm असल में किसी हिस्से का सटीक साइज नहीं है, बल्कि एक तकनीकी नाम है। इसका मतलब है कि जितना छोटा नंबर, उतनी ज्यादा ट्रांजिस्टर डेंसिटी।
रिपोर्ट के अनुसार, 2nm चिप्स में 50 अरब तक ट्रांजिस्टर हो सकते हैं, जो वायरस से भी छोटे होते हैं। ज्यादा ट्रांजिस्टर का मतलब तेज प्रोसेसिंग और बेहतर परफॉर्मेंस है।
