Google 2026 में PERM के जरिए ग्रीन कार्ड आवेदन फिर से करेगा

9 mins read
1 views
Google 2026 में PERM के जरिए ग्रीन कार्ड आवेदन फिर से करेगा
December 23, 2025

Google Green Card: Google ने अपने कर्मचारियों को बताया है कि कंपनी 2026 में PERM प्रक्रिया के तहत ग्रीन कार्ड के आवेदन फिर से शुरू करेगी और इसे पहले से अधिक बढ़ाएगी यह घोषणा लगभग 3 साल से रुकी हुई प्रक्रिया को फिर से चालू करने का संकेत है बता दें कि 2023 में बड़े पैमाने पर छंटनी के बाद Google ने PERM प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोक दिया था 

 विदेशी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर: Google 2026 में ग्रीन कार्ड प्रक्रिया बढ़ाएगाजानें PERM प्रक्रियायोग्यता मानदंड और वीजा संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी 

PERM प्रक्रिया क्या है? 

PERM अमेरिका के श्रम विभाग की एक प्रक्रिया है। इसके तहत कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को स्थायी निवास के लिए प्रायोजित कर सकती हैं। यह उन कर्मचारियों के लिए जरूरी है जिनके पास अस्थायी वीजा है। PERM नियमों के तहतकंपनियों को साबित करना होता है कि विदेशी कर्मचारी को नियुक्त करने से अमेरिकी कर्मचारियों की नौकरीवेतन या काम की स्थिति पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। 

2023 में PERM क्यों रुकी थी? 

2023 में Google ने लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी के समय PERM आवेदन रोक दिए थे। उस समय अमेरिकी जॉब मार्केट में टेक्नोलॉजी वर्कर्स की संख्या ज्यादा थीजिससे विदेशी कर्मचारियों को भर्ती करने का औचित्य साबित करना मुश्किल हो गया है। उसी समय Amazon और Meta जैसी अन्य कंपनियों ने भी PERM आवेदन स्थगित कर दिए थे। 

READ MORE: AI सुनाएगा दिन की खबरें, Google News का नया फीचर लॉन्च 

कौन होंगे योग्य कर्मचारी? 

2026 में PERM आवेदन के लिए Google ने कुछ सख्त योग्यताएं तय की हैं। 

  • कर्मचारियों का रोल ऐसा होना चाहिए जिसमें डिग्री और अनुभव जरूरी हो। 
  • कर्मचारी Google के किसी ऑफिस में आधारित होंरिमोट कर्मचारी को ऑफिस स्थान पर आना होगा। 
  • प्रदर्शन समीक्षा में कम से कम मॉडरेट इम्पैक्ट रेटिंग होना जरूरी है। 
  • लेवल 3 या उससे कम कर्मचारियों के आवेदन के योग्य होने की संभावना कम है। 
  • योग्य कर्मचारियों को 2026 की पहली तिमाही में Google के बाहरी इमिग्रेशन वकीलों द्वारा संपर्क किया जाएगा। 

वीजा की अनिश्चितताएं अभी भी बनी हुई हैं 

Google का यह कदम तब आया है जब अमेरिकी H-1B और अन्य वीजा धारकों के लिए अनिश्चितताएं बनी हुई हैं। वीजा फीस बढ़ गई है और अपॉइंटमेंट्स में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। हाल ही में Google ने H-1B और संबंधित वीजा वाले कर्मचारियों को अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचने की सलाह दी है। कई अमेरिकी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में अपॉइंटमेंट में देरी 12 महीने तक की हो सकती है। 

READ MORE: Google ला रहा Android यूजर्स के लिए स्मार्ट फीचरजो खुद समझेगा आपकी जरूरत 

कर्मचारियों के लिए नई उम्मीद 

Google में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों के लिए PERM प्रक्रिया फिर से शुरू होना लंबे समय तक स्थायी निवास की दिशा में नई उम्मीद ला सकता है। हालांकिसख्त योग्यताएं और वीजा से जुड़ी देरी इस प्रक्रिया को चुनौतीपूर्ण बनाए रखती हैं। 

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

छोटा अपडेट, बड़ा असर...आ गया iOS 26 में घांसू फीचर...फटाफट देखें
Previous Story

छोटा अपडेट, बड़ा असर…आ गया iOS 26 में घांसू फीचर…फटाफट देखें

Latest from Latest news

छोटा अपडेट, बड़ा असर...आ गया iOS 26 में घांसू फीचर...फटाफट देखें

छोटा अपडेट, बड़ा असर…आ गया iOS 26 में घांसू फीचर…फटाफट देखें

Apple iOS26 Reminders: Apple ने iOS 26 के साथ Reminders ऐप को सिर्फ एक टू-डू लिस्ट नहीं रहने दिया, बल्कि इसे ट्रैवल-फ्रेंडली प्लानिंग टूल बना दिया है। iOS 26.2 में शामिल एक नया लेकिन कम चर्चा में
अब-बदलेगा-चैटिंग-का-खे

अब बदलेगा चैटिंग का खेल! Arattai को WhatsApp के मुकाबले उतारने की तैयारी में Zoho

Zoho Arattai New Update: भारत में स्वदेशी मैसेजिंग ऐप Arattai एक बार फिर चर्चा में है। वजह हैं Zoho के फाउंडर और CEO Sridhar Vembu। जिन्होंने संकेत दिया है कि अरट्टई को WhatsApp जैसी दिग्गज ऐप्स के मुकाबले खड़ा करने के लिए बड़े
WLFI विवाद में फंसे जस्टिन सन, फ्रीज टोकन से 60 मिलियन डॉलर का नुकसान

WLFI विवाद में फंसे जस्टिन सन, फ्रीज टोकन से 60 मिलियन डॉलर का नुकसान

Justin Sun WLFI: क्रिप्टो इंडस्ट्री के बड़े नाम और TRON के संस्थापक जस्टिन सन एक विवाद में फंसे हुए हैं। यह विवाद World Liberty Financial नाम के DeFi प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसका संबंध अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके परिवार से बताया जाता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिन सन के फ्रीज किए गए WLFI टोकनों की वैल्यू करीब 60 मिलियन डॉलर गिर चुकी है। हैरानी की बात यह है कि WLFI के सबसे बड़े निवेशकों में शामिल होने के बावजूद जस्टिन सन पिछले 3 महीने से ज्यादा समय से ब्लैकलिस्टेड हैं और उनके टोकन अब भी लॉक हैं।  WLFI टोकन फ्रीज होने के बाद जस्टिन सन की मुश्किलें बढ़ गई हैं, जानिए कैसे ट्रंप से जुड़े इस क्रिप्टो प्रोजेक्ट में उनका करोड़ों डॉलर का निवेश फंसा हुआ है।   कैसे हुई विवाद की शुरुआत  यह पूरा मामला सितंबर में WLFI के टोकन जेनरेशन इवेंट के बाद शुरू हुआ है। 2 सितंबर को जस्टिन सन ने बताया था कि उन्होंने 200 मिलियन डॉलर के WLFI टोकन क्लेम किए हैं और उनके पास कुल 600 मिलियन टोकन मौजूद हैं। उस समय ब्लॉकचेन डेटा के अनुसार, उनकी कुल WLFI होल्डिंग्स की कीमत लगभग 900 मिलियन डॉलर थी। उस समय जस्टिन सन ने साफ कहा था कि वह टोकन बेचने वाले नहीं हैं और इस प्रोजेक्ट के लंबे समय तक सपोर्टर बने रहेंगे।’  Justin Sun is still blacklisted by WLFI in 3 months, his locked tokens dropped $60m in

Don't Miss