Vanguard अब Bitcoin, Ethereum और XRP ETF ट्रेडिंग की देगी अनुमति

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Vanguard अब Bitcoin, Ethereum और XRP ETF ट्रेडिंग की देगी अनुमति
December 2, 2025

Vanguard crypto ETF: अमेरिका की दिग्गज निवेश कंपनी Vanguard 8 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति संभालती है, अब अपने प्लेटफॉर्म पर एक बड़ा बदलाव करने जा रही है। कंपनी ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि 2 दिसंबर से वह अपने सभी ग्राहकों को क्रिप्टो-फोकस्ड ETF और म्यूचुअल फंड्स में ट्रेड करने की अनुमति देगी।

यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि Vanguard अब तक क्रिप्टो से दूरी बनाए हुए था और उसे अत्यधिक जोखिम भरा मानता था, लेकिन अब बदलती बाजार स्थितियों और निवेशकों की बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनी ने अपना रुख बदलने का फैसला किया है। इस कदम से Vanguard के लगभग 50 मिलियन से ज्यादा ब्रोकरेज ग्राहक पहली बार रेगुलेटेड डिजिटल एसेट्स में सीधा निवेश कर सकेंगे।

Vanguard अब अपने प्लेटफॉर्म पर Bitcoin, Ethereum और XRP ETF की ट्रेडिंग की अनुमति देगा। यह कदम मुख्यधारा में क्रिप्टो निवेश को और आसान और सुरक्षित बनाता है।

‘Bitcoin ETF खरीदने पर लगाई रोक’

कई सालों से Vanguard की सोच यह थी कि क्रिप्टो बहुत ज्यादा अस्थिर है और लंबी अवधि के निवेश जैसे रिटायरमेंट पोर्टफोलियो के लिए उपयुक्त नहीं है। इसी वजह से कंपनी ने जनवरी 2024 में लॉन्च हुए Spot Bitcoin ETF का सपोर्ट भी नहीं किया था। यहां तक कि Vanguard ने अपने ग्राहकों को BlackRock और अन्य कंपनियों द्वारा बनाए गए Bitcoin ETF खरीदने पर भी रोक लगा दी थी। मगर पिछले दो सालों में क्रिप्टो-आधारित ETF में लगातार रिकॉर्ड निवेश आ रहा था। Bitcoin, Ethereum, XRP, Solana जैसे बड़े टोकन पर आधारित ETF में भारी इनफ्लो देखकर Vanguard ने महसूस किया कि बाजार अब स्थिर हो रहा है और इन उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है।

अपने बयान में Vanguard क्या बोले

Vanguard ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि कंपनी हर एसेट क्लास की तरह ही क्रिप्टो का भी लगातार विश्लेषण करती है। कंपनी का कहना है कि कई क्रिप्टो ETF ने अस्थिर बाजार स्थितियों में भी अच्छा प्रदर्शन किया है, लिक्विडिटी बनाए रखी है और इन फंड्स के प्रशासनिक कामकाज में भी अब परिपक्वता आ चुकी है। इसके अलावा निवेशकों की प्राथमिकताएं भी बदल रही हैं। लोग अब रेगुलेटेड और सुरक्षित तरीकों से क्रिप्टो में निवेश करना चाहते हैं और ETF इसके लिए सबसे सुविधाजनक तरीका बनते जा रहे हैं।

CEO सलीम रमजी को नियुक्त किया

इस बड़े बदलाव का एक कारण Vanguard के नेतृत्व में हुआ परिवर्तन भी है। पिछले साल कंपनी ने अपना नया CEO सलीम रमजी को नियुक्त किया, जो इससे पहले BlackRock में एक वरिष्ठ पद पर काम कर चुके थे। उनका ब्लॉकचेन और डिजिटल एसेट्स से जुड़ा अनुभव Vanguard के लिए उपयोगी साबित हुआ और नए नेतृत्व ने संकेत दिया कि कंपनी निवेशकों को रेगुलेटेड क्रिप्टो प्रोडक्ट्स तक पहुंच देना चाहती है। हालांकि, Vanguard ने अभी तक यह साफ कर दिया है कि वह अपने खुद के कोई क्रिप्टो फंड लॉन्च नहीं करेगी और न ही हाई-रिस्क या अनरेगुलेटेड टोकन्स को प्लेटफॉर्म पर जगह देगी, लेकिन वह थर्ड-पार्टी क्रिप्टो ETF और म्यूचुअल फंड्स को ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध कराएगी, बशर्ते वे SEC द्वारा अनुमोदित हों।

Vanguard के इस निर्णय के पीछे एक और वजह है दुनिया भर में क्रिप्टो ETFs की बढ़ती लोकप्रियता। 4 अक्टूबर 2025 को खत्म हुए हफ्ते में क्रिप्टो ETFs ने 5.95 बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड निवेश आकर्षित किया। SEC के नए नियमों के कारण अब क्रिप्टो ETFs को लॉन्च करने में पहले जैसी लंबी मंजूरी प्रक्रिया नहीं होती। पहले जहां 270 दिन लगते थे, अब तय मानकों को पूरा करने वाले फंड केवल 75 दिन में बाजार में आ सकते हैं। इस बदलाव ने कई कंपनियों को नए ETFs फाइल करने के लिए प्रेरित किया है। BlackRock जैसे बड़े खिलाड़ी पहले ही कई सफल क्रिप्टो ETF लॉन्च कर चुके हैं और उनकी सफलता ने Vanguard जैसी पारंपरिक कंपनियों को भी अपनी सोच बदलने के लिए मजबूर किया।

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क्रिप्टो-आधारित फंड खरीद पाएंगे

Vanguard का यह कदम निवेशकों के लिए भी एक बड़ा बदलाव लाएगा। लाखों नए निवेशक, जो अब तक क्रिप्टो एक्सचेंजों पर जाने से हिचकिचाते थे, अब ETF और म्यूचुअल फंड्स जैसे परिचित और सुरक्षित साधनों के माध्यम से क्रिप्टो में निवेश कर सकेंगे। इससे वॉलेट, प्राइवेट की या एक्सचेंज हैक जैसे जोखिमों से भी बचा जा सकेगा। निवेशक अपने सामान्य ब्रोकरेज अकाउंट से ही आसानी से क्रिप्टो-आधारित फंड खरीद पाएंगे।

इस फैसले का असर क्रिप्टो इंडस्ट्री पर भी बड़ा होगा। Vanguard जैसी बेहद पारंपरिक और कंज़र्वेटिव कंपनी का क्रिप्टो ETFs को स्वीकार करना इस बात का संकेत है कि डिजिटल एसेट्स अब मुख्यधारा की वित्तीय दुनिया का हिस्सा बनते जा रहे हैं। इससे क्रिप्टो को और अधिक वैधता मिलेगी और पारंपरिक निवेश से जुड़ा पैसा धीरे-धीरे रेगुलेटेड क्रिप्टो फंड्स की ओर बढ़ सकता है।

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हालांकि, Vanguard अभी भी सतर्क रुख अपनाए हुए है। कंपनी अनरेगुलेटेड टोकन को अनुमति नहीं देगी और उच्च जोखिम वाले उत्पादों से दूर ही रहेगी। लेकिन इतना साफ है कि क्रिप्टो अब वह ‘निच मार्केट’ नहीं रहा, जिसे पारंपरिक वित्तीय संस्थान नजरअंदाज करते थे। नए नियमों और बदलते बाजार माहौल ने Vanguard जैसी कंपनियों को भी यह स्वीकार करने पर मजबूर कर दिया है कि क्रिप्टो अब वैश्विक वित्तीय ढांचे का हिस्सा बन चुका है।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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