Apple AI Leadership: Apple ने अपनी AI रणनीति को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। कंपनी ने पुष्टि की है कि जॉन जियानंद्रिया 2026 की स्प्रिंग में रिटायर होंगे। जियानंद्रिया 2018 से Apple में जुड़े थे और कंपनी की AI दिशा तय करने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। अब उनकी जगह अमर सुब्रमण्य को Apple का नया वाइस प्रेसिडेंट ऑफ AI बनाया गया है। सुब्रमण्य पहले Microsoft में काम कर चुके हैं और Google में उन्होंने लगभग 16 साल बिताए। उनकी नियुक्ति का मतलब है कि वह अब Apple के फाउंडेशन मॉडल्स, AI रिसर्च और AI सेफ्टी टीम्स का नेतृत्व करेंगे। वह सीधे क्रेग फेडेरिघी को रिपोर्ट करेंगे, जो कंपनी में AI विकास के प्रमुख चेहरों में से एक हैं।
Apple ने अपनी AI टीम में बड़ा बदलाव किया है। जॉन जियानंद्रिया 2026 में रिटायर होंगे और उनकी जगह अमर सुब्रमण्य नई जिम्मेदारी संभालेंगे।
Apple में इस बदलाव की जरूरत क्यों पड़ी?
यह बदलाव ऐसे समय में किया गया है जब Apple की AI प्रगति को लेकर कई तकनीकी विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं। उनका मानना है कि Microsoft, Google और Meta जैसी कंपनियां AI में तेजी से आगे बढ़ रही हैं, जबकि Apple अभी भी खुद को पकड़ने की कोशिश कर रहा है।
Apple ने 2024 में Apple Intelligence लॉन्च किया था, जिससे उम्मीद थी कि आने वाले iPhones और Macs में काफी नए AI फीचर्स देखने को मिलेंगे, लेकिन Siri के बड़े अपग्रेड को कंपनी ने 2026 तक टाल दिया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि Apple के अंदर कुछ चुनौतियां मौजूद हैं। जियानंद्रिया की टीम्स अभी Apple के कई महत्वपूर्ण AI डिवीजन संभाल रही हैं, लेकिन अब इन जिम्मेदारियों का कुछ हिस्सा COO सबिह खान और सर्विसेज हेड एडी क्यू को दिया जा रहा है। Apple का कहना है कि इससे AI से जुड़ी सभी टीमों के बीच सामंजस्य बेहतर होगा और काम ज्यादा तेजी और स्पष्टता के साथ आगे बढ़ेगा।
Apple CEO टिम कुक की प्रतिक्रिया
Apple के CEO Tim Cook ने जियानंद्रिया का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने Apple की AI टीम को मजबूत नींव दी और कंपनी की AI यात्रा को सही दिशा में आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि AI हमेशा से Apple की रणनीति का मुख्य हिस्सा रहा है, अमर सुब्रमण्य इस भूमिका के लिए बेहद योग्य हैं, क्रेग फेडेरिघी भी Apple की AI प्रगति में अहम भूमिका निभा रहे हैं, खासकर अगले साल आने वाली पर्सनलाइज्ड Siri के लिए। कुक का यह बयान स्पष्ट करता है कि Apple आने वाले वर्षों में AI पर बहुत ज्यादा फोकस करने वाला है और नेतृत्व बदलाव इसी दिशा की तैयारी है।
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AI रेस में Apple की नई रणनीति
दूसरी बड़ी टेक कंपनियां AI मॉडल्स और विशाल डेटा सेंटर्स में भारी निवेश कर रही हैं। वे सभी अपने-अपने फ्रंटियर मॉडल्स को लेकर तेज प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। Apple ने इसके उलट थोड़ा अलग रास्ता चुना है। कंपनी चाहती है कि अधिकतर AI फीचर्स सीधे iPhone और Mac जैसे डिवाइसेज पर चलें, ताकि यूजर प्राइवेसी बनी रहे परफॉर्मेंस तेज रहे और क्लाउड पर निर्भरता कम हो। हालांकि, Apple ने हाल ही में OpenAI के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत ChatGPT को Siri और Apple की कई सर्विसेज में इंटीग्रेट किया जाएगा। कंपनी का कहना है कि आने वाला समय AI तकनीक का है और Apple इसमें पीछे नहीं रहना चाहता।
2025 में Apple के शेयर 16% बढ़े हैं, लेकिन AI पर ज्यादा निवेश करने वाली दूसरी कंपनियों के मुकाबले यह वृद्धि कम है इसलिए निवेशकों का दबाव भी बढ़ गया है कि Apple जल्द कुछ बड़ा और असरदार पेश करे।
Apple Intelligence का अगला चरण
जियानंद्रिया अगले कुछ महीनों तक कंपनी को सलाह देते रहेंगे। Apple का कहना है कि उन्होंने विश्वस्तरीय AI टीम तैयार की, महत्वपूर्ण तकनीकों को विकसित किया और Apple के AI इकोसिस्टम को मजबूत नींव दी। अमर सुब्रमण्य का अनुभव खास तौर पर काम आएगा क्योंकि उन्होंने Google में रिसर्च को सीधे प्रोडक्ट्स में बदलने का काम किया है।
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Apple Intelligence को भी इसी तरह के सुधारों की जरूरत है। कंपनी का कहना है कि यह नेतृत्व बदलाव AI की नई सीमाएं तलाशने, यूजर्स को सुरक्षित और भरोसेमंद AI अनुभव देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
