अगर आप भी चलाते हैं इंटरनेट तो इस वेब से हो जाइए सावधान!

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what is dark web
December 1, 2025

Dark Web: डार्क वेब इंटरनेट का वह छिपा हुआ हिस्सा है जिसे हम रोजाना इस्तेमाल करने वाले इंटरनेट से बिल्कुल अलग माना जाता है। सामान्य इंटरनेट पर हम जो कुछ देखते हैं जैसे Google, सोशल मीडिया, यूट्यूब, न्यूज साइट या ऑनलाइन शॉपिंग, वह इंटरनेट का केवल ऊपरी चेहरा होता है। लेकिन इसके नीचे एक ऐसी गहराई मौजूद है जहां आम उपयोगकर्ता पहुंच ही नहीं पाते। इसी परत को डार्क वेब कहा जाता है। इस इंटनेट से सामान्य बाउजर नहीं खुल सकता सामान्य ब्राउजर जैसे Google Chrome, फायरफॉक्स या सफारी से नहीं खुलती। इसे एक्सेस करने के लिए खास ब्राउजर जैसे Tor Browser ,आई टू पी या फ्रीनैट की जरूरत पड़ती है। यहां उपलब्ध वेबसाइटें ओनियन जैसे डोमेन पर चलती हैं जिसे पहचान पाना सर्च इंजन या सामान्य इंटरनेट की बस की बात नहीं है।

आप इंटरनेट चलाने में भलेही धुरंधर हैं लेकिन इस वेब पर एक क्लिक भी करना पड़ सकता है भारी…हो सकती है भारी सजा। जानिए कैसे? 

आखिर यह डार्क वेब है क्या?

इसे समझने कि लिए सबसे पहले इंटरनेट और उनके प्रकारों को जानना होगा। बता दें कि इंटरनेट को तीनों भागों बांट कर देखा जाता है। सरफेस वेब- जिसे हमलोग प्रतिदिन देखते हैं। गूगल से लेकर ई- कॉमर्स तक सभी इसी के दायरे में आते हैं। डीप वेब- इसकी कहानी अलग है। यह काफी महत्वपूर्ण व सेंसेटिव होती है। इसी हिस्से में बैंक अकाउंट, लॉगिन सेक्शन, मेडिकल रिकॉर्ड जैसी प्राइवेट और सुरक्षित जानकारी होती है। डार्क वेब यह इंटरनेट का तीसरा हिस्सा होता है। जिसे सबसे खतरनाक माना गया है। इसे कानूनी रूप से चलाने की अनुमति नहीं रहती है।

Dark Web खतरनाक क्यों है

Dark Web जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि यानी लोगों को अंधेरे में रखकर अपराधी कई घटनाओं को अंजाम देते हैं। यह वहीं हिस्सा है जहां से साइबर अपराधी अवैध कार्य करते हैं। यहां यूजर्स के पहचान और लोकेशन छुपी होती है। बैंक अकाउंट, आधार कार्ड, क्रेडिट कार्ड पैन कार्ड से जुड़े हुए डेटा को बेच दिया जाता है। पोर्नोग्राफी से भी जुड़े हुए चीजे भी मिलती है।

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क्या भारत में इसे इस्तेमाल करना अपराध है?

सिर्फ डार्क वेब पर जाना अपने आप में अपराध नहीं है। कई देशों ने को इसे बहुत पहले सी गैर-कानूनी मान चुका है। यह पूरी तरह गैरकानूनी नहीं माना जाता। ब्राउजर खोलना अपराध नहीं है लेकिन अवैध सामग्रीयों को देखना और प्रतिबंधित साईटों को खोलना अपराध की श्रेणी में आता है। इसे भारत के आईटी एक्ट के तहत गंभीर अपराध माना गया है।

अपराध करने मिल सकती है इतनी सजा

यदि कोई व्यक्ति अवैध सामग्री देखता या डाउनलोड करता है तो उसे तीन साल तक की जेल और पांच लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। इतना ही नहीं,  चोरी का डेटा खरीदने या बेचने पर सात साल तक की जेल का प्रावधान भी है।  इसके अलावे साइबर क्राइम में शामिल होने पर अपराध की गंभीरता के अनुसार 10 साल या उससे ज्यादा सजा संभव है।  वहीं, किसी मादक पदार्थ या हथियार खरीदने पर Narcotics Act और आर्म्स एक्ट के तहत आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। बाल पोर्नोग्राफी से जुड़े अपराधों पर पोक्सो एक्ट के तहत 5 से बीस साल तक की जेल हो सकती है। डार्क वेब पर गलत लिंक खोलना भी अपराध बन सकता है यदि वह लिंक किसी अवैध चीजों से जुड़ा हुआ मिले।

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Dark Web आपको कैसे फंसा सकता है

अक्सर लोग उत्सुकता में डार्क वेब पर पहुंच जाते हैं लेकिन यही जिज्ञासा बड़ा खतरा बन जाती है। टोर ब्राउजर में किसी गलत साइट पर क्लिक होते ही मालवेयर आपके सिस्टम में घुस सकता है। हैकर्स मोबाइल या लैपटॉप का कैमरा माइक्रोफोन या फाइलें कंट्रोल कर सकते हैं। गुमनाम होने का भरोसा कई बार गलत साबित हो जाता है और आपकी लोकेशन ट्रैक हो सकती है। अवैध कंटेंट खुलते ही इंटरनेट ट्रैफिक लॉग और आई पी एड्रेस की निगरानी शुरू हो सकती है और कानून आपके दरवाजे तक पहुंच सकता है।

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