SMIC Memory Chip Warning: चीन की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट चिप निर्माता कंपनी SMIC ने दुनिया को चेतावनी दी है कि आने वाले महीनों में मेमोरी चिप की कमी गंभीर रूप ले सकती है। कंपनी के CEO झाओ ज़ुओजुन ने एक अर्निंग कॉल में बताया कि उनके ग्राहक भविष्य में मेमोरी चिप की कमी को लेकर इतने चिंतित हैं कि वे अभी से अन्य चिप्स के ऑर्डर देने में हिचकिचा रहे हैं।
AI की तेज मांग और सीमित उत्पादन के बीच मेमोरी चिप्स की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। SMIC की चेतावनी के मुताबिक आने वाले महीनों में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस महंगे हो सकते हैं और सप्लाई घट सकती है।
मीडिया रिपोर्ट भी यही संकेत देती है कि 2025 और 2026 में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल कंपनियों को मेमोरी चिप्स की भारी कमी झेलनी पड़ सकती है।
मेमोरी चिप की कमी क्यों बढ़ रही है?
AI के बढ़ते उपयोग ने मेमोरी चिप की सप्लाई पर बड़ा असर डाला है। खासकर Nvidia के AI सर्वर HBM मेमोरी पर बहुत निर्भर हैं। इसमें SK Hynix और Micron शामिल है। जैसी कंपनियां ज्यादा मुनाफे के कारण अब HBM उत्पादन पर फोकस कर रही हैं। इसका नुकसान यह है कि सामान्य मेमोरी चिप्स की सप्लाई कम होने लगी है।
TriOrient के वाइस प्रेसिडेंट डैन निस्टेड्ट का कहना है कि AI की बढ़ती मांग पूरी चिप सप्लाई को खा रही है और 2026 तक यह मांग कई गुना बढ़ जाएगी।
प्रीमियम AI मेमोरी को प्राथमिकता
AI कंपनियां HBM जैसे प्रीमियम मेमोरी चिप्स के लिए ऊंची कीमत देने को तैयार हैं। इससे चिपमेकर उसी उत्पादन को प्राथमिकता दे रहे हैं क्योंकि मुनाफा अधिक है। इसका परिणाम है कि सस्ते और सामान्य मेमोरी चिप्स का उत्पादन घट रहा है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियाँ मुश्किल में हैं।
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पिछली मंदी के कारण कम निवेश
2023 से 2024 में मेमोरी सेक्टर बड़ी मंदी से गुजरा है। इस दौरान कंपनियों ने उत्पादन घटाया, नए निवेश रोक दिए। अब जब मांग अचानक बढ़ गई है, तो कंपनियों के लिए सप्लाई बढ़ा पाना आसान नहीं। मेमोरी चिप्स की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार Samsung ने कुछ मेमोरी चिप्स की कीमतें सितंबर की तुलना में 60% तक बढ़ा दी हैं।
Counterpoint Research के डायरेक्टर एम.एस. ह्वांग ने बताया कि सप्लाई की कमी का असर अभी लो-एंड स्मार्टफोन्स और सेट-टॉप बॉक्स से शुरू हो चुका है। चीन में यह समस्या ज्यादा दिख रही है क्योंकि वहां सस्ते डिवाइसों की मांग बहुत अधिक है। हालांकि, इसका प्रभाव पूरी दुनिया महसूस करेगी।
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आम उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा?
रिपोर्ट के मुताबिक, मेमोरी सेक्टर तेजी वाले प्राइस साइकिल में प्रवेश कर चुका है। इसका असर सीधा-सीधा उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। इसमें स्मार्टफोन महंगे होंगे, लैपटॉप और PCs की कीमतें बढ़ेंगी, टीवी, सेट-टॉप बॉक्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स महंगे हो जाएंगे क्योंकि चिप की कीमत बढ़ते ही कंपनियाँ यह खर्च ग्राहकों से वसूलती हैं।
