भारत का पहला स्वदेशी AI चैटबॉट के लांन्चिंग से हिला अमेरिका और चीन, जानिए खूबियां

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November 14, 2025

India AI Chatbot भारत ने तकनीक की दुनिया में एक और बड़ा कदम बढ़ा दिया है। अपना स्वदेशी AI चैटबॉट काइवेक्स Kyvex लॉन्च कर अमेरिका-चीन को AI की दौड़ स्वाबलंबन होने का संकेत दे दिया है। लंबे समय से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अमेरिका और चीन की पकड़ मजबूत रही है। ऐसे में काइवेक्स की एंट्री AI क्षेत्र में भारत को तीसरा बड़ा दावेदार बना सकती है। सबसे खास बात यह पूरी तरह फ्री, भारतीय दिमागों द्वारा बनाया गया और डीप रिसर्च आधारित AI है। यह बड़े लैग्वेज मॉडल से संचालित होता है।

भारत का स्वदेशी AI Kyvex लॉन्च, अब AI तकनीक में वैश्विक स्तर पर चुनौती देने को तैयार. जानिए खूबियां

भारतीय इंजीनियरों और रिसर्चरों की ऊपज

इसे पूरे विश्वभर में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह विशुद्ध भारतीय तकनीक है। इसमें किसी विदेशी जानकारों से बिना किसी सहायता से बनाई गई है। काइवेक्स सौ फीसदी भारतीय इंजीनियरों और रिसर्चरों के मेहनत की ऊपज है। Kyvex को देश के बड़े शिक्षाविदों में अपनी एक अलग पहचान रखनेवाले  आईआईटी दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रो. रामगोपाल राव, आईआईटी खड़गपुर के पूर्व डायरेक्टर प्रो. पी.पी. चक्रवर्ती और आईआईआईटी हैदराबाद के निदेशक पी.जे. नारायणन इन नामों का जुड़ना यह संकेत दे रहा है कि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की अग्रसर है।

AI की वैश्विक रेस में भारत की दमदार एट्री

अब तक ChatGPT, Grok, Perplexity और DeepSeek जैसे AI चैटबॉट्स ही दुनिया के ज्ञान और सर्च इंजन से जुड़े नए मानक तय कर रहे थे। पहली बार भारत ने ऐसा AI प्लेटफॉर्म प्रस्तुत किया है जो सिर्फ   चैटबॉट नहीं डीप-रिसर्च टूल के रूप में खुद को स्थापित करने का प्रयास है। यह तथ्यों पर आधारित, विस्तृत और शोध-स्तरीय उत्तर देने में सक्षम हैं. है। OpenAI ने ChatGPT Go को फ्री कर दिया। Perplexity ने एयरटेल यूजर्स को 1 साल का फ्री सब्सक्रिप्शन दिया। Meta AI पहले से ही सोशल मीडिया पर फ्री उपलब्ध है। इस समय जब दुनिया की बड़ी टेक कंपनियां अपने AI को मुफ्त कर रही हैं, काइवेक्स का फ्री मॉडल भारतीय यूजर्स के लिए बड़ा फायदा साबित हो सकता है।

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भारत का पहला डीप रिसर्च AI

यह भारत का पहला डीप रिचर्स एआई ऐप है। तथ्य, संदर्भ और गहराई समझने में माहिर है। सबसे बड़ी बात यह पूरी तरह मुफ्त है। हाई-कैपेबिलिटी वाला AI युक्त है। इसे हर जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। उद्देश्य वैश्विक उपयोग भी है।

 शीध्र मोबाइल ऐप और ब्राउज़र एक्सटेंशन पर भी

फिलहाल, इसका शुभारंभ वेब संस्करण से हुआ है  लेकिन कंपनी ने एंड्रॉयड, iOS और ब्राउज़र इंटीग्रेशन की तैयारी शुरू कर दी है। काइवेक्स के संस्थापक और सीईओ पर्ल कपूर ने इसे भारत की भविष्य की छलांग बताया है। उनका कहना है कि यह टूल लोगों के जानकारी खोजने का तरीका बदल देगा और भारत को AI सेक्टर में नई पहचान मिलेगी।

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अमेरिका और चीन की बढ़ी टेंशन

भारत इस कदम ने अमेरिका और चीन को भारी टेंशन में डाल दिया है, क्योंकि इनके ChatGPT, Grok, Perplexity को अब एक नई टक्कर मिलेगी। बता दें भारत इस समय दुनिया का सबसे बड़ा इंटरनेट मार्केट है। अगर भारतीय यूजर्स काइवेक्स जैसे टूल का उपयोग शुरू करते हैं, तो वैश्विक AI बाजार का संतुलन बदल सकता है। भारत AI की वैश्विक दौड़ में अमेरिका और चीन की बराबरी में खड़ा दिखाई दे सकता है।

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