अब तो खाड़ी देश भी कहने लगा, तेल नहीं रे बाबा…अब डेटा की दौलत

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November 13, 2025

Gulf Countries Ai Investment: कभी तेल से अमीर बने खाड़ी देश अब डिजिटल युग तेल से टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर दांव लगा रहे हैं। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात UAE और कतर अब सिर्फ तेल पर उत्पादक बने रहने तक सीमित नहीं रहना चाहते हैं। वो भविष्य की टेक्नोलॉजी के निर्माता बनने की दौड़ में शामिल होने को उतारू हैं। Microsoft, OpenAI, Nvidia और AMD जैसी अमेरिकी दिग्गज कंपनियों के साथ अरबों डॉलर की साझेदारी की है। यह देश डेटा सेंटर, AI चिप प्रोजेक्ट्स और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर खड़े पर ध्यान केंद्रिंत करने लगे हैं। यानी उद्देश्य AI-संचालित वैश्विक अर्थव्यवस्था के केंद्र में अपनी जगह पक्की करना।

तेल से तकनीक तक जाने की जिद, क्या खाड़ी देश तेल छोड़ डेटा से अर्जित करने की ओर कदम बढ़ा चुका है?  जानिए यहां

तेल से तकनीक तक पहुंचने की ललक

जिस खाड़ी देश को तेल ने दशकों अर्थव्यवस्था को शक्ति दी। वही देश अब टेक्नोलॉजी, मिलिट्री इनोवेशन और स्पोर्ट्स सेक्टर में अरबों डॉलर झोंक रही हैं। AI इस रणनीति का केंद्र बन चुका है एक ऐसा क्षेत्र जो आने वाले दशकों में तेल से भी ज्यादा मूल्यवान माना जा रहा है।

अमेरिका के साथ नई रणनीतिक साझेदारी

AI की इस दौड़ में खाड़ी देशों ने चीन से दूरी और अमेरिका से नजदीकी बढ़ाने का संकेत दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति की कुछ दिन पहले हुई खाड़ी यात्रा के बाद अब यह संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका चिप निर्यात प्रतिबंधों में कुछ ढील देगा। इस प्रयास से खाड़ी देशों को उच्चस्तरीय AI हार्डवेयर और डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच आसान होगी। सऊदी और UAE यह साबित करना चाहते हैं कि वे अब चीन नहीं, बल्कि वॉशिंगटन के साथ तकनीकी गठबंधन के पक्ष में हैं।

G42 निभा रहा महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

अबू धाबी फिलहाल इस AI रेस का नेतृत्व कर रहा है। यहां के तीन प्रमुख सॉवरेन वेल्थ फंड्स ADIA, Mubadala और ADQ लगभग 1.7 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति मैनेज करते हैं। इनके बीच सबसे अहम भूमिका निभा रही है G42, जो अबू धाबी की प्रमुख AI कंपनी है। G42 के चेयरमैन हैं UAE के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर शेख तह्नून बिन जायद अल-नहयान जिनके नेतृत्व में यह कंपनी Microsoft और अन्य अमेरिकी निवेशकों के साथ तेजी से विस्तार कर रही है।

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Microsoft का अरबों डॉलर का भरोसा

Microsoft ने 2023 से 2029 तक UAE में 15.2 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है। इसके अलावा कंपनी ने G42 में 1.5 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष निवेश कर उसके बोर्ड में भी जगह हासिल की है। G42 और Mubadala मिलकर MGX नामक टेक फंड चला रहे हैं, जिसका लक्ष्य 100 बिलियन डॉलर से अधिक के एसेट्स जुटाना है। यह फंड OpenAI, Elon Musk की xAI और Anthropic जैसी उभरती AI कंपनियों में निवेश कर रहा है।

40 अरब डॉलर का “ADC” प्रोजेक्ट

MGX ने हाल ही में Aligned Data Centers में 40 बिलियन डॉलर झोंक दिए हैं जो मध्यपूर्व को एशिया और यूरोप के बीच डेटा ट्रांजिट हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह निवेश बताता है कि खाड़ी देश अब तेल नहीं, बल्कि डेटा एक्सपोर्टर राष्ट्र बनने की तैयारी में हैं।

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सऊदी अरब से अलग राह पर

सऊदी अरब अपने पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड PIF)की मदद से ‘Humain’ नामक नेशनल AI कंपनी खड़ी कर रहा है Humain का मकसद डेटा सेंटर, क्लाउड प्लेटफॉर्म और अरबी भाषा में बड़े लैंग्वेज मॉडल तैयार करना। Humain Chat’ नाम से अरबी वर्जन का ChatGPT लॉन्च किया है। वही, कतर ने एक अलग दिशा चुनी है. देश “AI+X” मॉडल पर काम कर रहा है। यानी चाहता है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, शासन और व्यापार जैसे सभी सेक्टर्स में AI से जोड़ा जाए। कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी QIA ने Anthropic, Databricks, Cresta और Applied Intuition जैसी कंपनियों में निवेश किया है। इससे अब बिल्कुल साफ हो गया है कि खाड़ी देशों की यह रणनीति केवल आर्थिक विविधीकरण नहीं बल्कि आने वाले वर्षों में टेक्नोलॉजी सुपरपावर के रूप में अपनी पहचान गढ़ना चाहते हैं।

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