China AI Chip Ban: चीन सरकार ने हाल ही में एक नया दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसके अनुसार राज्य निधि से फंडेड नए डेटा सेंटर परियोजनाओं में अब केवल घरेलू AI चिप्स का उपयोग करना अनिवार्य होगा। विदेशी चिप्स जैसे Nvidia के H20, B200 और H200 अब इन परियोजनाओं में नहीं इस्तेमाल किए जा सकेंगे। जिन डेटा सेंटर प्रोजेक्ट्स की प्रगति 30% से कम है। उन्हें विदेशी चिप्स हटाने होंगे या उन्हें खरीदने की योजना रद्द करनी होगी, जबकि एडवांस चरण में चल रहे कुछ प्रोजेक्ट्स के लिए निर्णय केस-बाय-केस लिया जाएगा।
चीन ने विदेशी चिप्स हटाने का आदेश दिया। वहीं, Nvidia ने भारत की Deep Tech Alliance में 850 मिलियन डॉलर निवेश कर स्टार्टअप्स को तकनीकी सहयोग दिया।
Nvidia के लिए चीन में चुनौती
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका चीन को Nvidia के साथ डील करने देगा, लेकिन सबसे एडवांस चिप्स के मामले में नहीं। इस कदम से Nvidia की चीन में मार्केट हिस्सेदारी प्रभावित होगी। कंपनी का वर्तमान चीन में AI चिप मार्केट शेयर शून्य है, जबकि 2022 में यह 95% था। चीन का यह कदम घरेलू सेमीकंडक्टर की बिक्री बढ़ाने में मदद करेगा, लेकिन अमेरिका और चीन के AI कंप्यूटिंग पावर में अंतर भी बढ़ सकता है।
Nvidia ने भारत में बढ़ाया कदम
इस स्थिति के बीच, Nvidia ने भारत की ओर रुख किया है। कंपनी ने India Deep Tech Alliance में शामिल होकर भारतीय और दक्षिण एशियाई डीप-टेक स्टार्टअप्स को फंडिंग और तकनीकी मार्गदर्शन देने का निर्णय लिया है। इसके लिए Nvidia ने 850 मिलियन डॉलर से अधिक पूंजी जुटाई है।
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India Deep Tech Alliance के नए निवेशक और उद्देश्य
इस अलायंस में अब Qualcomm Ventures, Activate AI, InfoEdge Ventures, Chirate Ventures और Kalaari Capital जैसे नए निवेशक शामिल हुए हैं। यह अलायंस सितंबर में 1 बिलियन डॉलर प्रारंभिक निवेश के साथ लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य स्पेस, सेमीकंडक्टर, AI और रोबोटिक्स क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को तकनीकी मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और नीति सहायता देना है।
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भारत के AI और डीप-टेक परिप्रेक्ष्य से महत्व
भारत सरकार के 12 बिलियन डॉलर रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोग्राम और पिछले साल 78% बढ़कर 1.6 बिलियन डॉलर हुए स्टार्टअप्स में निवेश ने Nvidia के इस कदम को और मजबूत किया। इसके जरिए भारतीय डीप-टेक स्टार्टअप्स AI और कंप्यूटिंग टूल्स का बेहतर उपयोग कर सकेंगे और वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा में अपनी भूमिका मजबूत कर सकेंगे।
