TiEcon Delhi-NCR 2025: TiEcon Delhi-NCR 2025 इस साल भारत में उद्यमियों, स्टार्टअप फाउंडर्स और टेक्नोलॉजी लीडर्स का एक बड़ा मिलन मंच बना है। यह कार्यक्रम ऐसे समय पर हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 लाख करोड़ का Research Development and Innovation Fund लॉन्च किया है। यह फंड Emerging Science and Technology Innovation Conclave 2025 में घोषित किया गया है। ऐसे में सभी की नजरें इस बात पर थीं कि भारत इस फंड का इस्तेमाल करके कैसे नई तकनीक और इनोवेशन को बढ़ावा देगा। TiEcon ने इसी विजन को आगे बढ़ाने की दिशा में चर्चा और सहयोग का माहौल बनाया।
TiEcon Delhi-NCR 2025 में RDI फंड और युवा इनोवेटर्स पर फोकस, जानें कैसे भारत अपनी तकनीकी शक्ति और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत बना रहा है।
यह वार्षिक डीप-टेक समिट Delhi-NCR में आयोजित हुआ है और इसमें स्टार्टअप्स, उद्योग जगत, रिसर्च संस्थानों और सरकार के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है।
भारत को तकनीकी रूप से मजबूत बनाना
TiEcon में सबसे ज्यादा ध्यान उस फायरसाइड बातचीत पर रहा जिसका विषय था क्वांटम लीप: भारत की तकनीकी संप्रभुता में तेजी। इस चर्चा में सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के डॉ. अभय करंडिकर और चेयरमैन एमेरिटस, TiE Delhi-NCR के डॉ. सौरभ श्रीवास्तव शामिल थे।
डॉ. करंडिकर ने कहा कि भारत अपनी डीप-टेक यात्रा के महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। उन्होंने बताया कि RDI फंड एक पहला ऐसा बड़ा कदम है जिसका उद्देश्य क्वांटम टेक्नोलॉजी, AI, सेमीकंडक्टर्स, बायोटेक और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग जैसे नए क्षेत्रों में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा कि इस फंड का मॉडल ऐसा बनाया गया है जिसमें कंपनियों और स्टार्टअप्स को रिसर्च करने, जोखिम लेने और नए पेटेंट बनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। उनके अनुसार, सरकार का उद्देश्य नियंत्रण करना नहीं, बल्कि सक्षम बनाना है, ताकि उद्योग और वैज्ञानिक मिलकर नई तकनीक भारत में ही विकसित कर सकें।
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रिसर्च और स्टार्टअप्स को साथ लाना सबसे जरूरी
डॉ. सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि भारत तभी तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर हो सकेगा जब वैज्ञानिक शोध और स्टार्टअप दुनिया एक-दूसरे से जुड़े रहेंगे। उनका कहना था कि अगर हम रिसर्च लैब में होने वाली वैज्ञानिक खोजों को स्टार्टअप्स की ऊर्जा और उद्यमिता से जोड़ दें तो हम वर्ल्ड लेवल के प्रोडक्ट बना सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि TiE Delhi-NCR पिछले दो दशकों से स्टार्टअप्स, निवेशकों और सरकार के बीच पुल का काम करता आया है।
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युवाओं और डीप-टेक स्टार्टअप्स पर सरकार का बढ़ता भरोसा
पीयूष गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के युवा इनोवेशन की शक्ति हैं। फ्यूचर टेक्नोलॉजी बनाने में उनकी भूमिका बहुत काफी इम्पोर्टेंट है। बता दें कि इस कार्यक्रम में चार मुख्य तकनीकी क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा चर्चा हुई हैं। इनमें AI, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग शामिल है। TiEcon 2025 ने यह दिखाया कि भारत सिर्फ नए विचारों की बात नहीं कर रहा बल्कि उन्हें वास्तविक समाधान और उत्पादों में बदलने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
