सिलिकॉन वैली में महिला जासूसों का हनीट्रैप खेल, कैसे बचें

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सिलिकॉन वैली में महिला जासूसों का हनीट्रैप खेल, कैसे बचें
October 25, 2025

Honeytrap Espionage: अमेरिका के टेक हब सिलिकॉन वैली में जासूसी का एक नया और बेहद खतरनाक तरीका सामने आया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन और रूस की महिला एजेंट्स वहां के इंजीनियरों, निवेशकों और टेक प्रोफेशनल्स से नजदीकियां बढ़ाकर संवेदनशील तकनीकी जानकारी हासिल कर रही हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये एजेंट्स केवल दोस्ती या नेटवर्किंग तक सीमित नहीं रहती बल्कि कई बार शादी करके परिवार भी बना लेती हैं ताकि लंबे समय तक गोपनीय जानकारियां हासिल की जा सकें।

हनीट्रैप जासूसी: चीन और रूस की महिला एजेंट्स सिलिकॉन वैली के इंजीनियर और स्टार्टअप्स को टारगेट कर बौद्धिक संपत्ति चुरा रही हैं।

लिंक्डइन पर शुरू होती है जासूसी की चाल

पामीर कंसल्टिंग के चीफ इंटेलिजेंस ऑफिसर ने बताया कि उन्हें खुद लिंक्डइन पर संदिग्ध महिला अकाउंट्स से कई बार इनविटेशन मिले हैं। उन्होंने कहा कि हाल के सालों में इस तरह की हनीट्रैप जासूसी काफी बढ़ी है, जिसमें विदेशी एजेंट्स अमेरिकी टेक सर्कल में गहराई तक घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं।

हनीट्रैप स्टाइल जासूसी कैसे काम करती है

विशेषज्ञों के अनुसार, ये एजेंट्स पहले किसी इंजीनियर या बिजनेस लीडर से संपर्क करती हैं, धीरे-धीरे निजी रिश्ता बनाती हैं और फिर भावनात्मक जुड़ाव के बाद तकनीकी या व्यावसायिक जानकारी तक पहुंच जाती हैं। मुल्वेनन ने कहा कि अमेरिका में ऐसी जासूसी से निपटने के लिए न तो कोई मजबूत कानून है और न ही इस दिशा में सामाजिक सतर्कता, जिसकी वजह से विदेशी एजेंट्स को बढ़त मिल जाती है।

आम नागरिकों का इस्तेमाल

रूस के मामले में बताया गया है कि वह प्रोफेशनल स्पाइज की बजाय आम नागरिकों को इस काम में शामिल करता है। एक उदाहरण में एक रूसी महिला ने अमेरिकी एयरोस्पेस इंजीनियर से शादी की और धीरे-धीरे वह सैन्य और अंतरिक्ष प्रोजेक्ट्स से जुड़ी जानकारियों तक पहुंच गई। यह रिश्ता सालों तक चला और इसी दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां विदेश पहुंचाई गईं।

स्टार्टअप और प्रतियोगिताओं के जरिए जासूसी

वहीं, चीन ने एक अलग रणनीति अपनाई है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में कई बार अंतरराष्ट्रीय स्टार्टअप प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जिनमें विदेशी कंपनियों से उनके बिजनेस प्लान, बौद्धिक संपत्ति और व्यक्तिगत डेटा मांगा जाता है। इन इवेंट्स के बहाने चीन अमेरिकी स्टार्टअप्स की महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर लेता है।

एक अमेरिकी बायोटेक कंपनी के सीईओ ने बताया कि ऐसी ही एक प्रतियोगिता के दौरान उन्हें महसूस हुआ कि चीनी सरकारी प्रतिनिधि उनकी हर गतिविधि पर नजर रख रहे थे। बाद में अमेरिकी एजेंसियों ने इन घटनाओं की जांच शुरू की और अब ऐसी अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

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बौद्धिक संपत्ति की चोरी से अरबों का नुकसान

अमेरिकी अधिकारियों का अनुमान है कि हर साल लगभग 600 अरब डॉलर की बौद्धिक संपत्ति की चोरी होती है, जिसमें चीन को सबसे बड़ा जिम्मेदार माना जाता है। एक उदाहरण में Tesla के कुछ पूर्व कर्मचारियों पर चीन में कंपनी की बैटरी तकनीक चुराकर लगभग 15 मिलियन डॉलर में बेचने का आरोप लगा था। एक्सपर्ट का कहना है कि इस तरह की घटनाएं सीधे तौर पर अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक मजबूती को नुकसान पहुंचाती हैं।

चीन की ‘ड्राफ्टिंग स्ट्रैटेजी’

मुल्वेनन के अनुसार, चीन ‘ड्राफ्टिंग’ नामक रणनीति भी अपनाता है। इसके तहत, चीन समर्थित निवेशक अमेरिकी रक्षा विभाग (DoD) से फंड प्राप्त स्टार्टअप्स में निवेश करते हैं और धीरे-धीरे उन पर नियंत्रण पा लेते हैं। इससे अमेरिकी तकनीक पर अप्रत्यक्ष रूप से चीन का प्रभाव बढ़ जाता है, जबकि यह कानूनी रूप से गलत भी नहीं होता।

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अमेरिका की एजेंसियों के सामने बड़ी चुनौती

पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक जेफ स्टॉफ के अनुसार अभी अमेरिकी काउंटरइंटेलिजेंस पिछड़ रही है। चीन हमारे स्टार्टअप्स, यूनिवर्सिटीज और रिसर्च प्रोजेक्ट्स को टारगेट कर रहा है, लेकिन हम अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि अमेरिका विदेशी निवेश, टेक सहयोग और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की सख्त जांच करे।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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